"नवंबर की शुरुआत में ही कांपा मध्य प्रदेश — उत्तर-पूर्वी हवाओं ने खींची ठंड की लकीर"
भोपाल।मध्यप्रदेश में इस बार सर्दी ने मौसम का कैलेंडर बिगाड़ दिया है,नवंबर का पहला हफ्ता खत्म होते-होते ही प्रदेशभर में पारा अचानक नीचे गिर गया है।उत्तर-पूर्व दिशा से बह रही सर्द हवाओं ने लोगों को दिसंबर जैसी ठिठुरन का अहसास करा दिया है।पहले ही हफ्ते में गिरी पारे की रफ्तार,मौसम विभाग ने कहा — ठंड अभी और बढ़ेगी
मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक,इस बार उत्तरी पहाड़ियों से आने वाली हवाएं सामान्य से पहले सक्रिय हो गई हैं।हिमालयी क्षेत्र में हुई शुरुआती बर्फबारी के कारण उत्तर-पूर्वी हवाओं का रुख मैदानों की ओर तेज़ हुआ,जिससे मध्य प्रदेश में ठंड ने अपेक्षा से जल्दी दस्तक दी।
मौसम विभाग ने अगले 72 घंटों में तापमान में और गिरावट की संभावना जताई है।
राजगढ़ सबसे ठंडा—जबलपुर,भोपाल और इंदौर में भी पारा फिसला
ठंड की लहर सबसे ज्यादा राजगढ़ जिले में देखने को मिली, जहां न्यूनतम तापमान 9°C दर्ज किया गया।वहीं भोपाल,इंदौर और जबलपुर में भी पारा सामान्य से 3–4 डिग्री नीचे रहा।
न्यूनतम तापमान (°C):
राजगढ़:9.0 (सबसे ठंडा जिला)
इंदौर:10.6
भोपाल:11.0
ग्वालियर:11.3
उज्जैन:13.0
जबलपुर:14.6
सुबह की ओस और हवा का तीखापन बढ़ा—गरम कपड़ों की दुकानों पर भीड़ बढ़ी
राजधानी भोपाल में सुबह की हवा इतनी ठंडी हो गई है कि लोग अब स्वेटर और जैकेट पहनकर बाहर निकल रहे हैं।चाय और सूप की दुकानों पर भीड़ बढ़ने लगी है। इंदौर और उज्जैन के बाजारों में ऊनी कपड़ों की बिक्री में 25% तक बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
सर्दी जल्दी आने के पीछे क्या है वजह?जानिए मौसम वैज्ञानिकों की राय
मौसम विशेषज्ञों का कहना है कि इस बार पश्चिमी विक्षोभ की कमी, उत्तर भारत में शुरुआती बर्फबारी और तेज़ सूखी हवाओं का प्रभाव—इन तीन कारणों ने मिलकर ठंड को जल्दी ला दिया है।
इसे “अर्ली विंटर पैटर्न” कहा जा सकता है,जिसमें हवाएं सामान्य से पहले मैदानों में पहुंच जाती हैं।
कृषि पर भी असर:गेहूं और चने की बुवाई के लिए अनुकूल माहौल
मौसम में आई ठंड किसानों के लिए राहत लेकर आई है। विशेषज्ञों के अनुसार, तापमान में गिरावट से गेहूं, चना और मटर जैसी फसलों के लिए अनुकूल परिस्थितियां बन रही हैं। शुरुआती ठंडक मिट्टी की नमी को भी स्थिर रखने में मदद करेगी।
लोगों की राय—“इस बार ठंड कुछ जल्दी ही आ गई”
भोपाल निवासी नीरज श्रीवास्तव बताते हैं,“हर साल नवंबर के आख़िरी हफ्ते में ठंड महसूस होती है,लेकिन इस बार तो सुबह-सुबह कोहरे जैसा माहौल बन गया है।”
इसी तरह,जबलपुर की सोनाली मिश्रा कहती हैं,“अब सुबह टहलने निकलना मुश्किल हो गया है,हवा में ठंड का असर साफ है।”
