जबलपुर में आया‘डर का कलेक्टर’:अफसरशाही पर गाज गिराने वाले राघवेंद्र सिंह की एंट्री से हड़कंप...
नायब तहसीलदार को पटवारी बनाने वाला वही अफसर अब जबलपुर संभालेंगे…कौन होगा अगला शिकार?
जबलपुर।बड़े प्रशासनिक फेरबदल में जबलपुर की कमान संभालने आए नए कलेक्टर राघवेंद्र सिंह का नाम सुनते ही अफसरशाही में खौफ फैलना लाज़मी है।वजह साफ है—यह वही अफसर हैं जिन्होंने आगर मालवा में फरवरी 2025 में ऐसा कदम उठाया था,जो आज तक प्रदेश के प्रशासनिक इतिहास में मिसाल बन चुका है।जब तहसीलदार को उतार फेंका पटवारी की कुर्सी पर...
आगर मालवा में उनकी सख्ती का शिकार बने एक नायब तहसीलदार।
👉लापरवाही और जवाबदेही की कमी दिखाने पर राघवेंद्र सिंह ने उन्हें डिमोट कर सीधे पटवारी बना दिया।
यह फैसला इतना चौंकाने वाला था कि इसे प्रशासनिक हलकों में“गाज गिराने वाला आदेश”कहा गया।
अब जबलपुर में किसकी बारी?
•अफसरों में ये चर्चा जोरों पर है कि नए कलेक्टर के आने के बाद ढिलाई दिखाने वालों की खैर नहीं।
•सिर्फ चेतावनी या निलंबन की उम्मीद रखने वाले अब सतर्क हो जाएं।
•प्रशासनिक गलियारों में सवाल उठ रहा है—
👉क्या जबलपुर में भी कोई बड़ा अधिकारी पटवारी की कुर्सी तक गिरा दिया जाएगा?
‘डर का कलेक्टर’या जवाबदेही का प्रहरी?
जनता जहां इसे सख्त प्रशासन की उम्मीद से देख रही है,वहीं अफसरशाही में खौफ का माहौल है।कई कर्मचारी इसे“डर का कलेक्टर” करार दे रहे हैं।