एमपी का सबसे बड़ा रिश्वतकांड!तीन बड़े अफसर सलाखों के पीछे,कोर्ट ने दिखाई लोहे जैसी सख्ती...
भोपाल/जबलपुर–मध्यप्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ सीबीआई ने ऐसा एक्शन लिया है जिसने पूरे सरकारी तंत्र को हिला दिया है।सागर एमईएस (मिलिट्री इंजीनियरिंग सर्विस)के तीन टॉप अफसर 80 हजार की रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़े गए और अब सीधे जेल की हवा खा रहे हैं।कैसे फंसे अफसर?
ठेकेदार अजय मिश्रा का 28 लाख रुपए का बिल अटका हुआ था।अफसरों ने बिल पास करने के नाम पर 80 हजार की मोटी घूस मांगी।मामला सीबीआई तक पहुंचा और 11 सितंबर को जबलपुर से आई टीम ने जाल बिछाकर तीनों इंजीनियर–राकेश कुमार, नीतेश कुमार और दीपक–को उनके ही दफ्तर में धर दबोचा।
ऑपरेशन CBI–खुली पोल
•अफसर अपने ही केबिन में कैश गिन रहे थे।
•सीबीआई ने दबिश देकर रिश्वत की रकम बरामद कर ली।
•घर और ऑफिस से ढेरों दस्तावेज जब्त हुए,जिनसे छुपी संपत्ति का भंडाफोड़ होना तय है।
•साथ ही दलाली करने वाला ठेकेदार राजेश मिश्रा भी गिरफ्त में आ गया।
कोर्ट का कड़क फैसला
सीबीआई कोर्ट जबलपुर में पेशी के दौरान न्यायाधीश आरके गुप्ता ने पहले 15 सितंबर तक चारों को रिमांड पर भेजा था।लेकिन रिमांड खत्म होने पर जब दोबारा पेश किया गया तो कोर्ट ने कड़ा रुख अपनाते हुए सभी को जेल भेजने का आदेश सुना दिया।
क्यों है ये केस खास?
•सेना से जुड़े इंजीनियरिंग सर्विस में इतनी बड़ी रिश्वतखोरी का उजागर होना।
•सरकारी सिस्टम के अंदर बैठे अफसर खुद भ्रष्टाचार की जड़ बने।
•आम ठेकेदार से काम कराने के नाम पर वसूली का दबाव।
•अब संपत्ति और लेन-देन का बड़ा खेल खुलने की संभावना।