MP Local Body Elections 2025:जनता के वोट से तय होंगे नगर पालिका–परिषद अध्यक्ष,मोहन सरकार ने बदली प्रणाली...
भोपाल–मध्य प्रदेश की राजनीति में निकाय चुनावों को लेकर बड़ा बदलाव होने जा रहा है।मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की कैबिनेट ने ऐलान किया है कि अब नगर पालिका और नगर परिषद के अध्यक्षों का चुनाव जनता सीधे करेगी।यह व्यवस्था महापौर चुनाव की तरह होगी,जहां मतदाता वोट देकर अपना प्रतिनिधि चुनेंगे।पार्षदों से जनता के हाथ में शक्ति
अब तक अध्यक्ष का चुनाव पार्षद करते थे,लेकिन इस व्यवस्था में धनबल,दबाव और सौदेबाज़ी की राजनीति हावी हो गई थी।कई जगहों पर अविश्वास प्रस्ताव और बगावत की वजह से निकायों में अस्थिरता देखने को मिल रही थी।इसी को ध्यान में रखते हुए सरकार ने फिर से प्रत्यक्ष प्रणाली लागू करने का फैसला किया है।
विधानसभा में पेश होगा विधेयक
नई व्यवस्था को लागू करने के लिए विधानसभा सत्र में विधेयक लाया जाएगा,तब तक मौजूदा अध्यक्षों को अविश्वास प्रस्ताव से हटाया नहीं जा सकेगा।इसके साथ ही सरकार अगली कैबिनेट में अध्यादेश भी लाने जा रही है,जिसके तहतअविश्वास प्रस्ताव की अवधि 3 साल से बढ़ाकर 4.5 साल कर दी जाएगी।
क्यों जरूरी पड़ा बदलाव?
•हाल ही में देवरी और शिवपुरी नगर पालिका में अध्यक्षों के खिलाफ बगावत और अविश्वास प्रस्ताव की स्थिति बनी।
•पार्षदों के बीच गुटबाजी से कई बार अराजक माहौल पैदा हुआ।
•शिवराज सरकार के समय लागू अप्रत्यक्ष प्रणाली पर लगातार सवाल उठते रहे।
पिछली सरकारों का सफर
•2014 तक:जनता चुनती थी अध्यक्ष।
•शिवराज सरकार(2014):अप्रत्यक्ष प्रणाली लागू, पार्षदों को अधिकार मिला।
•कमलनाथ सरकार:बदलाव की कोशिश,लेकिन सरकार गिर गई।
•मोहन सरकार (2025):फिर से जनता को दिया जा रहा सीधा अधिकार।
मंत्रियों की राय
कैबिनेट बैठक में कई मंत्रियों ने माना कि अप्रत्यक्ष प्रणाली ने राजनीति को अस्थिर और महंगा बना दिया। कैलाश विजयवर्गीय ने कहा –"यह कदम निकाय चुनावों में सुधार और पारदर्शिता लाएगा।"
नतीजा साफ है–अब नगर पालिका और नगर परिषद अध्यक्ष का फैसला पार्षदों की जोड़-तोड़ से नहीं बल्कि जनता के वोट से सीधे होगा।
