नकली डॉक्टर का राज!स्मार्ट सिटी अस्पताल का अमित खरे:फर्जी डिग्री,माफिया कारोबार और प्रशासन की ढाल...
जबलपुर|EagleNews24X7 फॉलोअप रिपोर्टसंस्कारधानी जबलपुर में स्वास्थ्य सेवाओं का नकली साम्राज्य खुलेआम फल-फूल रहा है।स्मार्ट सिटी अस्पताल का संचालक और स्वयंभू भाजपा नेता अमित खरे अब जनता की नजर में बेनकाब हो चुका है।जिस शख्स का नाम मेडिकल काउंसिल तक में दर्ज नहीं,वही खुद को डॉक्टर बताकर अस्पताल चला रहा है।गुर्गों की गुंडागर्दी आयुष्मान लूट और फर्जीवाड़े की लंबी लिस्ट अब प्रशासन की नाकामी पर सीधा सवाल खड़ा कर रही है।
फर्जी डॉक्टर की करतूतें–प्रशासन खामोश
•दमोह का एमएलसी फर्जीवाड़ा,जिसमें सरकारी डॉक्टर का नाम गलत तरीके से रिपोर्ट में घसीटा गया।
•सतना निवासी डॉ.लक्ष्मण शाह द्वारा अदालत में दायर परिवाद।
•गरीब मरीजों के आयुष्मान कार्ड से करोड़ों की लूट।
इन तीन बड़े मामलों के बावजूद खरे राजनीतिक छत्रछाया में सुरक्षित घूम रहा है।
पुलिस-स्वास्थ्य विभाग की गुटबाजी ने बढ़ाई धांधली
इस मामले ने प्रशासन की पोल भी खोल दी है।पुलिस कह रही है एफआईआर दर्ज हो चुकी है,लेकिन स्वास्थ्य विभाग कार्रवाई से बच रहा है।वहीं विभाग की सफाई है कि जब तक मरीज या पुलिस लिखित न दें, कदम नहीं उठाया जाएगा,यानी अपराधी खुला घूमे और विभाग फाइलों में उलझा रहे!
जनता पूछ रही–कब टूटेगा ये गढ़?
खरे की करतूतें अब सिर्फ अखबार की खबर नहीं रहीं, बल्कि जनता के गुस्से की आग बन चुकी हैं,सोशल मीडिया पर लोग सवाल उठा रहे हैं कि आखिर कब तक ऐसे सफेदपोश माफिया राजनीति और प्रशासन के सहारे कानून को धता बताते रहेंगे।
असली चेहरा सामने–डॉक्टर नहीं,धंधेबाज
सबसे बड़ा खुलासा यही है कि खरे के पास डॉक्टर बनने का वैध पंजीयन ही नहीं है।भोपाल मेडिकल काउंसिल में उसका नाम तक दर्ज नहीं,यानी जनता के इलाज के नाम पर वह गंभीर धोखाधड़ी कर रहा है।
