जबलपुर ने लिखा नया इतिहास:देश का सबसे लंबा फ्लाईओवर बना शहर की पहचान...
जबलपुर।मध्यप्रदेश की संस्कारधानी आज विकास की उस मंज़िल पर पहुंच गई है,जिसका इंतज़ार पूरे शहर को बरसों से था।आज केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव ने जबलपुर को वह तोहफ़ा दिया है,जो इसे महानगरों की कतार में खड़ा कर देगा—प्रदेश का सबसे बड़ा और देश का रिकॉर्ड बनाने वाला फ्लाईओवर।फ्लाईओवर की खासियतें जो इसे बनाती हैं 'देश का सबसे यूनिक'
•लंबाई और लागत: 7 किलोमीटर लंबा, लागत लगभग 1100 करोड़ रुपये।
•देश का गौरव: रेलवे स्टेशन के ऊपर बना 192 मीटर का सिंगल स्पान केबल स्टे ब्रिज, देश में सबसे लंबा।
•स्टील का करिश्मा:तीन बो-स्ट्रिंग ब्रिज, प्रत्येक 70 मीटर लंबे।
•ग्रीन कॉरिडोर: फ्लाईओवर के नीचे 50,000 पौधे,प्रदूषण नियंत्रण और हरियाली का नया संदेश।
•लाइफस्टाइल स्पॉट:ओपन जिम,बास्केटबॉल कोर्ट और बच्चों के लिए पार्क—यानी विकास सिर्फ़ सड़क नहीं, समाज तक।
सफ़र अब मिनटों का,घंटों का नहीं
पहले जहां मदनमहल से दमोह नाका पहुंचने में 40-45 मिनट लगते थे,वहीं अब यह सफ़र महज़ 6-8 मिनट में तय होगा।
•समय की बचत=हर रोज़ हजारों घंटों का फायदा
•ईंधन की बचत=हजारों लीटर पेट्रोल-डीजल की बचत
•प्रदूषण में कमी=शहर की हवा होगी और साफ़
जबलपुर की अर्थव्यवस्था को नई रफ़्तार
यह फ्लाईओवर सिर्फ़ ट्रैफ़िक ही नहीं सुधारेगा बल्कि—
•व्यापारिक गतिविधियों को तेज़ करेगा
•रोजगार के नए अवसर खोलेगा
•निवेशकों की नज़र में जबलपुर को और आकर्षक बनाएगा
जबलपुर की बदलती तस्वीर
यह फ्लाईओवर आने वाले समय में सिर्फ़ एक पुल नहीं रहेगा,बल्कि जबलपुर की पहचान होगा।आने वाली पीढ़ियां इसे आधुनिकता और विकास की मिसाल के तौर पर देखेंगी।
निष्कर्ष
यह फ्लाईओवर सिर्फ़ लोहे और कंक्रीट का ढांचा नहीं, बल्कि जबलपुर के सपनों की उड़ान है।अब शहर सिर्फ़ संस्कारों की नगरी नहीं,बल्कि विकास और आधुनिकता का प्रतीक भी कहलाएगा।
👉इस आर्टिकल को पढ़ते ही आपके मन में भी यही सवाल उठेगा—"क्या अब जबलपुर प्रदेश की नई राजधानी जैसे नहीं दिख रहा?"
