विदेश पढ़ाई के लिए 35 लाख की मदद…लेकिन सिर्फ जनरल कैटेगरी के लिए!क्या बाकी वर्गों के मेधावी छात्र पीछे रह जाएंगे?
भोपाल।विदेशों में पढ़ाई का सपना देखने वाले छात्रों के लिए मध्य प्रदेश सरकार ने बड़ी घोषणा की है।“विदेश अध्ययन छात्रवृत्ति योजना–2025”के तहत हर साल 40 हजार अमेरिकी डॉलर(लगभग 35 लाख रुपये)तक की मदद दी जाएगी।लेकिन यह योजना सिर्फ सामान्य वर्ग(General Category)के छात्रों के लिए रखी गई है।यानी अनुसूचित जाति(SC),अनुसूचित जनजाति(ST) और अन्य पिछड़ा वर्ग(OBC)के मेधावी छात्र इस योजना से वंचित रहेंगे।यही बात अब सवालों के घेरे में है—क्या विदेशों में पढ़ाई करने का हक सिर्फ जनरल कैटेगरी का ही है?
योजना की मुख्य बातें
•केवल जनरल कैटेगरी के स्टूडेंट्स आवेदन कर सकते हैं।
•स्नातक में कम से कम 60% अंक होना चाहिए।
•संबंधित विदेशी विश्वविद्यालय से एडमिशन ऑफर लेटर जरूरी है।
•अंतिम तिथि:19 सितंबर 2025
•आवेदन स्थल:उच्च शिक्षा संचालनालय,सतपुड़ा भवन,भोपाल
विवाद क्यों?
👉सरकार ने पहले ही SC/ST छात्रों के लिए अलग योजनाएँ बना रखी हैं,लेकिन सवाल यह है कि क्या शिक्षा को वर्गों में बाँट देना सही है?
👉अगर कोई मेधावी छात्र OBC/SC/ST वर्ग से है और उसके पास भी विदेश पढ़ाई का सपना है,तो क्या वह इस 35 लाख की मदद का हकदार नहीं?
👉क्या यह फैसला“समान अवसर”की भावना के खिलाफ नहीं है?
छात्रों और अभिभावकों की राय
कई छात्र इस फैसले को भेदभावपूर्ण बता रहे हैं।उनका कहना है कि जब शिक्षा सबका हक है तो फिर स्कॉलरशिप पर कैटेगरी की दीवार क्यों खड़ी की जा रही है।
असली सवाल
सरकार का मकसद मेधावी छात्रों को विदेशों में पढ़ाई का मौका देना है।लेकिन जब यह योजना सिर्फ एक वर्ग तक सीमित कर दी गई है,तो क्या इसका मतलब यह नहीं कि बाकी वर्गों के टैलेंटेड बच्चों के सपनों पर ताला लग गया?
