"झूठे मुकदमों का नेटवर्क?घंसौर में अनुदान हथियाने के लिए साजिशन केस दर्ज करने के आरोप!"
पूर्व पार्षद पर भी गहराए सवाल, सरपंचपति बोले- 'हत्याकांड को मोड़ देकर निर्दोषों को फंसाया जा रहा है'
जबलपुर/घंसौर|विशेष रिपोर्टजबलपुर जिले के घंसौर गांव से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है जहाँ सरकारी अनुदान योजनाओं का फायदा उठाने के लिए कथित रूप से झूठे मुकदमे दर्ज कराने की सुनियोजित रणनीति अपनाई जा रही है।
गांव के सरपंचपति दुर्गेश पटेल ने इस संबंध में एक शिकायत दर्ज कराई है,जिसमें गांव के ही मुन्ना चौधरी,भोला चौधरी,रम्मू चौधरी और जितेन्द्र चौधरी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं।शिकायतकर्ता का कहना है कि ये लोग बार-बार ग्रामवासियों पर झूठी रिपोर्ट दर्ज कराते हैं और बाद में प्रकरण का निपटारा ‘राजीनामा’ के जरिए कर सरकारी मुआवजा राशि प्राप्त कर लेते हैं।
मामले की परतें:महिला की संदिग्ध मौत और अब हत्या का आरोप
शिकायत में यह भी उल्लेख किया गया है कि करीब 8 महीने पहले इन आरोपियों के घर में एक महिला की मौत हुई थी,जिसे गांव वालों ने आपसी विवाद का परिणाम बताया था।अब,दुर्गेश पटेल का आरोप है कि उसी मौत को हत्या का रंग देकर उन्हें और अन्य ग्रामीणों को झूठे हत्या के केस में फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।
पूर्व पार्षद का नाम भी विवादों में घिरा
दुर्गेश ने यह भी आरोप लगाया कि पूर्व पार्षद सरन चौधरी इन सभी गतिविधियों के सूत्रधार हैं।
उनका कहना है कि सरन चौधरी पहले भी कई मामलों में 'झूठे केस बनवाकर'शासन से मिलने वाले अनुदान का हिस्सा खुद रख चुके हैं और इसी नेटवर्क के जरिए निर्दोषों को फंसाने का प्रयास किया जा रहा है।
गांव में फैलाया जा रहा डर और अविश्वास का माहौल" —दुर्गेश पटेल
“मैं सरपंचपति के नाते गांव की एकता और अमन चाहता हूँ,लेकिन ये लोग शराब पीकर आए दिन झगड़ा करते हैं और फिर निर्दोषों को बदनाम करने में लग जाते हैं,”— दुर्गेश पटेल,शिकायतकर्ता
•बार-बार झूठी रिपोर्ट और फिर राजीनामा से अनुदान राशि प्राप्त करने का आरोप
•8महीने पुरानी संदिग्ध मौत को लेकर हत्या के केस में फंसाने की साजिश का दावा
•पूर्व पार्षद पर झूठे प्रकरण बनवाने और अनुदान में हिस्सेदारी का आरोप
•सरपंचपति ने प्रशासन से की निष्पक्ष जांच की मांग
क्या कहता है कानून?
यदि शिकायत सही पाई जाती है तो यह मामला भारतीय दंड संहिता की कई धाराओं के अंतर्गत गंभीर अपराध की श्रेणी में आएगा,जैसे कि:
•धारा 182:झूठी जानकारी देना
•धारा 211:झूठा आरोप लगाना
•धारा 420:धोखाधड़ी
प्रशासनिक प्रतिक्रिया का इंतजार
फिलहाल प्रशासन की ओर से इस शिकायत पर कोई अधिकारिक बयान सामने नहीं आया है,स्थानीय लोग निष्पक्ष जांच और आरोपियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।