"जबलपुर की पहचान बना 1100 करोड़ का उड़ता पुल:मप्र के सबसे बड़े फ्लाईओवर का इतिहास 23 अगस्त से शुरू होगा"
दमोहनाका से मदनमहल तक बना 'एलीवेटेड कोरिडोर'अब सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर नहीं—यह शहर के भविष्य की रीढ़ है
जबलपुर/विशेष रिपोर्टमध्यप्रदेश की सड़क विकास गाथा में जबलपुर अब एक ऐतिहासिक अध्याय जोड़ने जा रहा है,23 अगस्त को मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव और केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के कर कमलों से जबलपुर को मिलेगा उसका सबसे भव्य तोहफा—प्रदेश का सबसे बड़ा फ्लाईओवर,जो दमोहनाका से मदनमहल तक फैला है।
1100 करोड़ की लागत से बनी भविष्य की रेखा
इस एलीवेटेड कोरिडोर की लागत लगभग 1100 करोड़ रुपये है,और इसे प्रदेश के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की निगरानी में तेज़ी से पूरा किया गया। इस ब्रिज को सिर्फ"परिवहन सुविधा"कहना इसके महत्व को कम करना होगा,क्योंकि यह परियोजना शहर की पूरी ट्रैफिक संरचना को नए सिरे से परिभाषित करेगी।
प्रमुख विशेषताएं:
•एलीवेटेड कोरिडोर की लंबाई:6.75 किमी
•केबल-स्टे ब्रिज:स्टेशन क्षेत्र के ऊपर पहली बार
•ट्रैफिक लाभ: 40%यातायात का डायवर्जन मुख्य सड़कों से
•लाइटिंग और डिजाइन:आधुनिक,विजुअल अपील के साथ
•इंटीग्रेशन:रेलवे,बस स्टैंड और शहर के प्रमुख चौराहों से जोड़ा गया
राजनीतिक और प्रशासनिक प्रतिक्रिया:
लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी से दिल्ली में मुलाकात कर इस उद्घाटन कार्यक्रम को अंतिम रूप दिया।उन्होंने इसे"जबलपुर के विकास का मेरुदंड"बताया और कहा,"यह सिर्फ ब्रिज नहीं है,यह हमारे शहर का सामर्थ्य है।"
शहरवासियों के लिए क्या बदलेगा?
पहले अब
घंटों का ट्रैफिक जाम मिनटों में सफर
रेलवे स्टेशन पर रुकावट निर्बाध केबल-स्टे ब्रिज
भीड़भाड़ से परेशानी सुव्यवस्थित फ्लो
व्यस्त चौराहे स्मार्ट जंक्शन कनेक्टिविटी
जबलपुर के लिए गर्व का क्षण
शहर के निवासी,व्यापारी वर्ग और ट्रांसपोर्टर सभी इस परिवर्तन की प्रतीक्षा कर रहे हैं,स्थानीय निवासी रजनीश दुबे कहते हैं,"यह ब्रिज हमारे शहर की पहचान बन सकता है,जैसे मुंबई में बान्द्रा वर्ली से लिंक है।"
लोक निर्माण मंत्री की ओर से संदेश
राकेश सिंह ने जबलपुरवासियों को इस फ्लाईओवर की सौगात के लिए बधाई देते हुए कहा कि यह सिर्फ एक संरचना नहीं,आने वाली पीढ़ियों के लिए समर्पित विरासत है,उन्होंने मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री का आभार प्रकट किया।
निष्कर्ष:
23 अगस्त को जब उद्घाटन की पट्टिका खुलेगी, तो सिर्फ सीमेंट-स्टील का पुल नहीं खुलेगा—खुलेगा जबलपुर का आधुनिक भविष्य। एक ऐसा भविष्य जो ट्रैफिक से नहीं,तरक्की से पहचाना जाएगा।