"विधानसभा की दस्तक पर विपक्ष का वार:ड्रग्स, किसान और घोटालों की गूंज से सत्र के पहले दिन ही सत्ता घिरी"
भोपाल।मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र सोमवार से शुरू होते ही तीखे सवालों और राजनीतिक हमलों की बौछार में आ गया।सत्ता पक्ष के मंत्री अपनी विभागीय कार्यसूची लेकर सदन में पहुंचे,लेकिन विपक्ष ने पहले ही दिन सदन को हिला देने की तैयारी कर रखी थी।
ध्यानाकर्षण से शुरू,आरोपों तक पहुंची चर्चा
बीजेपी विधायक सीताशरण शर्मा ने इटारसी की न्याय कॉलोनी में मुआवजा विवाद का मुद्दा उठाकर ध्यान आकर्षित किया,वहीं कांग्रेस विधायक प्रताप ग्रेवाल ने धार में खिलाड़ियों की उपेक्षा का मामला सदन में रखा। लेकिन असली हलचल तब मची जब विपक्ष ने सरकार को भ्रष्टाचार,युवाओं की बेरोजगारी और मेडिकल सेक्टर की विफलताओं को लेकर कठघरे में खड़ा कर दिया।
‘ड्रग्स कनेक्शन’ को लेकर सीधा हमला
विपक्ष के रणनीतिकार और नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने सत्र की शुरुआत से पहले ही संकेत दे दिए थे कि इस बार मुद्दे सिर्फ कागजों में नहीं रहेंगे।ड्रग्स तस्करी, नर्सिंग घोटाले,किसान संकट और खाद बीज की किल्लत जैसे सवालों पर वे सरकार से ठोस जवाब मांगेंगे।
सदन में ‘तुगलकी फरमान’ का विरोध
पूर्व मंत्री जयवर्धन सिंह ने विधानसभा सचिवालय के निर्देशों पर सीधा प्रहार करते हुए कहा कि ‘नारेबाजी पर रोक’ का आदेश अलोकतांत्रिक है।उन्होंने कहा कि जल जीवन मिशन में घोटाले और सीहोर के मंदिर में पुजारी पर भाजपा नेता द्वारा हथियार तानने जैसी घटनाएं लोकतंत्र की मूल भावना को चुनौती दे रही हैं।
पहले दिन की गूंज:सत्र की दिशा तय करेगी
पहले ही दिन विपक्ष ने यह संकेत दे दिया कि यह मानसून सत्र ‘शांतिपूर्ण कार्यवाही’ से ज़्यादा ‘राजनीतिक तूफानों’ का गवाह बनने वाला है।अब देखना होगा कि सत्ता पक्ष इस हमले का जवाब तथ्यों से देगा या रणनीति से।