जलवायु संकट दरवाज़े पर खड़ा है और हमें अब बैठकर मुनाफे की गिनती नहीं करनी, बल्कि धरती को बचाने के लिए खड़ा होना है।" राष्ट्रपति मुर्मू ने यह बात दिल्ली में आयोजित दीक्षांत समारोह के मंच से कही।
उन्होंने कॉर्पोरेट सेक्टर के प्रति अपनी चिंता प्रकट करते हुए कहा कि कंपनियों को अब पर्यावरणीय लागत को अनदेखा करने की इजाजत नहीं दी जा सकती।
छात्रों से मुखातिब होते हुए उन्होंने यह भी कहा कि "सिर्फ अकाउंटिंग में नंबर मिलाना ही पर्याप्त नहीं, अब उसमें पृथ्वी की सांसें भी गिनी जानी चाहिए।"
कॉर्पोरेट मामलों की सचिव दीप्ति गौड़ मुखर्जी ने तकनीकी नवाचारों को पर्यावरणीय चुनौतियों से निपटने का हथियार बताया।
