मध्यप्रदेश में बारिश सिर्फ शहरी यातायात की बाधा नहीं बनी है, बल्कि ग्रामीण जीवन को अस्त-व्यस्त कर चुकी है। मुरैना के रानीपुरा, बुद्धपुरा और कुतघान गांवों में पानी इस कदर भर गया है कि लोगों की रोटियाँ तक गीली हो गई हैं।
पशुओं का चारा गल चुका है, अनाज की बोरियाँ पानी में तैर रही हैं। सबलगढ़ में टोंगा तालाब के ओवरफ्लो होने से तीन गांव जलसमाधि की स्थिति में आ गए।
प्रशासनिक टीमें देर से पहुंच रही हैं और ग्रामीणों की मदद के लिए कोई विशेष प्रबंध नजर नहीं आ रहे।
जून महीने में ही मानसून ने जिस तरह दस्तक दी है, उसने खरीफ फसल की भी चिंता बढ़ा दी है।
