परीक्षा के समय शिक्षकों को मिला बाबूगिरी व सर्वे कार्य:कैसे बनाएंगे जिम्मेदार बिना शिक्षक,देश के कर्णधार नौनिहालों का स्वर्णिम भविष्य...?

परीक्षा के समय शिक्षकों को मिला बाबूगिरी व सर्वे कार्य:कैसे बनाएंगे जिम्मेदार बिना शिक्षक,देश के कर्णधार नौनिहालों का स्वर्णिम भविष्य...?

ब्यूरो रिपोर्ट...


जबलपुर।।प्रदेश का सबसे बड़ा विभाग शिक्षा विभाग है,जहां इस विभाग में कार्यरत कर्मचारी विशेषकर शिक्षक सदैव ही टारगेट पर रहते है।क्योंकि कहीं भी कोई भी सर्वे या जनगणना या चुनाव या बी एल ओ अथवा अन्य कार्यों के लिए ही एकमात्र शिक्षक दुधारु गायों के समान हो गया है।


वहीं इस विभाग के बारे में मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर ने जानकारी देते हुये बताया कि सरकार एवं शासन-प्रशासन विशेषकर स्थानीय प्रशासन ने इस बात का ध्यान नहीं रखा की विद्यार्थियों की वार्षिक परीक्षा प्रारम्भ होने वाली है और कई विद्यालयों में कोर्स पूरा करने की जदो- ज़हद चल रही है एवं कई विद्यालयों में रिवीज़न भी हो रहा है।लेकिन बावजूद इसके अभी भी प्रत्येक दिन विधानसभा के प्रश्नों के उत्तर संकलित करने में पूरे विद्यालय के शिक्षक लगे है,जिस वजह से विद्यार्थियों की पढ़ाई बेपटरी हो गयी है।


यदि पूरे वर्ष भर शिक्षकों से इस तरह के गैर शिक्षकीय कार्य करवाये जा रहे है,तो यह गंभीर चिंतन का विषय है।क्योंकि जिन्हें देश के कर्णधारों का स्वर्णिम भविष्य निर्माण की अति महत्व पूर्ण कार्य की देशहित की अतिआवश्यक जबाबदारी है।उन्हें अध्ययन कार्य नहीं करने दिया जा रहा।मगर वर्तमान में शैक्षणिक व्यवस्था पर कुठाराघात है,यदि ऐसे ही हालात रहे तो वो दिन दूर नहीं जब संकट ग्रस्त देश प्रदेश में गिनती होने लगेगी।सर्वाधिक नौजवानों एवं बच्चों के देश में साक्षरता की कमी आ जायेगी।अभी नहीं चेते तो आगे का भविष्य हर नागरिक को दिखलाई दे रहा है,सारे गैर शिक्षकीय कार्यों में उलझा कर रखने के बाद  शिक्षकों को परीक्षा के परिणाम अच्छा नहीं आने पर टॉर्चर करते है,शासन-प्रशासन की इस दोहरी नीति का खामियाजा शिक्षक भुगत भी रहे है।


मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर के साथ सभी पदाधिकारी एवं सदस्यों ने स्थानीय शासन-प्रशासन से इस गंभीर विषय पर चिंतन व मनन करने की मांग की है।

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