जनजाति सुरक्षा मंच ने जबलपुर में किया प्रेस कॉन्फ्रेंस, धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण को हटाने की कर रहे है मांग.....
विक्की झा।।धर्मांतरित जनजातियों को मिल रहे आरक्षण से आम इंसान को हो रही तकलीफों से तो हम सभी वाकिफ हैं,पर क्या आप यह जानते हैं कि,कुछ ऐसे संगठन और सुरक्षा मंच है जो बार-बार अपनी बातों के जरिए इसे हटाने को लेकर सरकार से मांग करते रहते हैं,इन्हीं में से एक है "जनशक्ति सुरक्षा मंच"।हाल ही में जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा मध्यप्रदेश में पत्रकार वार्ता (प्रेस कॉन्फ्रेंस)का आयोजन किया गया,जहां सभी प्रतिष्ठित अखबारों व मीडिया को बुलाया गया, वहीं जनजाति सुरक्षा मंच के कईं कार्यकर्ता धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण के कारण, देश में उठ रही समस्याओं पर विचार करते हुए दिखाई दिए, इतना ही नहीं देश में चल रहे धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण को समाप्त करने का मुद्दा भी यहां जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा काफी जोरों से उठाया गया।
इस कार्यक्रम की अध्यक्षता जनजाति सुरक्षा मंच के,मध्य-प्रदेश, जबलपुर के मुख्य सदस्य एवं जागरूक कार्यकर्ता "सोहन सिंह" द्वारा की गई।इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोहन सिंह ने खुले कठोर एवं स्पष्ट शब्दों में बोलते हुए दिखाई दिए कि,"भारत में चल रही, धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण को समाप्त करना, यही उनकी जनजाति सुरक्षा मंच का एकमात्र उद्देश्य है, और इसे देश से हटाने के लिए हम पूरी तरह से कार्यरत हैं, जिसके तहत हमने 21 मार्च से 25 मार्च तक लगभग सिर्फ मध्य प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के कई सांसदों से व्यक्तिगत रूप से मिलकर बातचीत कर, इसे संपूर्ण भारत से हटाने की मांग की है।"
इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में सोहन सिंह अपनी बातों पर सटीकता पूर्वक कायम रहते हुए बोले कि,जब तक यह धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण को समाप्त करने का मुद्दा केंद्र सरकार तक नहीं पहुंच जाता और केंद्र सरकार इस पर कोई फैसला नहीं सुनाती, तब तक हम इसे मुद्दे को लेकर देश के लोगो को धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण को समाप्त करने के लिए जागरूक करते रहेंगे।देश को अगर विकास और प्रगति के मार्ग पर लाना है, तो देश से इस धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण समाप्त करना ही होगा,सिर्फ जनजाति सुरक्षा मंच ही नहीं बल्कि हर एक भारतीय नागरिक का पहला उद्देश्य धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण को समाप्त करना ही होना चाहिए, तभी हम अपने देश के लिए कुछ अच्छा कर सकेंगे।
ऐसे में देखना काफी दिलचस्प होगा,क्या जनजाति सुरक्षा मंच द्वारा चलाई गई यह मुहिम सफल हो पाएगी,वर्षों से भारत के संविधान में लिखित धर्मांतरित जनजातियों के आरक्षण का मुद्दा क्या हटाना संभव हो सकेगा।