मां चंद्रघंटा की 10 भुजाओं की आख़िर क्या है विशेषता, मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें??

मां चंद्रघंटा की 10 भुजाओं की आख़िर क्या है विशेषता, मां चंद्रघंटा की पूजा कैसे करें??

विक्की झा।।जैसा कि आप सभी जानते हैं कि आज नवरात्रि का तीसरा दिन अर्थात मां चंद्रघंटा की स्तुति पूजा आराधना का दिन है,नवरात्रि के 9 दिनों में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा होती है, जिसमें तीसरे दिन की पूजा मां चंद्रघंटा की होती है।देवी दुर्गा का यह स्वरूप सिंह की सवारी करता है,दसों भुजाओं से सुशोभित मां चंद्रघंटा का रूप बेहद ही शांति दायक और मंगलकारी माना जाता है।मां चंद्रघंटा के गले में सफेद फूलों की माला है, खूब सारे ऐश्वर्या और आभूषणों से सुशोभित होने के कारण मां चंद्रघंटा का शरीर सोने की तरह चमकता है,मां के दाहिने चार हाथों में कमल का फूल,धनुष,जपमाला और तीर है,वहीं पांचवा हाथ आशीर्वाद देने के लिए सदैव अभय मुद्रा में रहता हैं,वही माता के बाएं ओर चारों हाथों में त्रिशूल,गदा,कमंडल और तलवार है,और पांचवा हाथ वरद मुद्रा में रहता है।


नवरात्रि के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा करना काफी शुभ माना जाता है,शास्त्रों में उल्लेख है कि मां चंद्रघंटा की पूजा सच्चे हृदय और निस्वार्थ भाव से करने से मनचाहा फल की प्राप्ति होती है।मां चंद्रघंटा पापनाशिनी होने के साथ-साथ ममतामई दुर्गा का एक स्वरूप है,जिस कारण से चंद्रघंटा की विशेषता और भी बढ़ जाती है,मां चंद्रघंटा कभी अपने भक्तों को नहीं भूलती,सच्चे मन और निस्वार्थ भाव से अगर इनकी भक्ति की जाए,तो आपका जीवन सदैव सुखमय और क्लेश से दूर रहेगा,क्योंकि आपकी सारी चिंताएं मां चंद्रघंटा स्वयं हर लेंगी।

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