कागजों मे तहसीलदार होम क्वारन्टाइन रुतवा दिखाने बाजार मे घूमकर कर रहे कार्यवाही......
कोरोना महामारी के दौरान कोविड 19के तहत कोरोना कर्फ्यू और लॉक डाऊन लगाकर शासन,प्रशासन ने जनता को पूर्ण रूप से बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है।
खासकर उन लोगों पर कोविड-19 के नियमों का पालन करने की और भी ज्यादा जिम्मेदारी है जो खुद कोरोना पॉजिटिव है या उनके परिजन कोरोना पॉजिटिव पाये गये हैं,फिर चाहे वो आम नागरिक हो या अधिकारी कर्मचारी सभी को कोरोना नियमों का पालन कर होम क्वारटाईन मे रहना होगा।लेकिन दतिया जिले की इन्दरगढ़ तहसील के तहसीलदार सुनील भदौरिया कोरोना नियमों से खुद को ऊपर मानते हैं तभी तो उनकी पत्नी विमलेश और बच्ची अनुष्का भदौरिया 1 मई को कोरोना पॉजिटिव आने के बाद तहसीलदार भदौरिया को खुद पूरे परिवार के साथ क्वारन्टाइन होकर 10 दिनो तक घर पर रहना था परंतु ऐसा हुआ नही ?
बाजार मे एक दुकानदार को कोरोना नियम उल्लंघन के जुर्म मे दुकान शील्ड करने खुद तहसीलदार क्वरंटाईन होते हुये बाजार पहुच गये और दुकानदार पर 10000 रूपये का चालान कर दिया।फिर चाहे नियम रहे या टूट जाये इसकी कोई परवाह नही,यानी कोरोना नियम जनता को अलग और अधिकारियो के लिये अलग...?
तहसीलदार की ये कार्यवाही कितनी उचित-अनुचित है इसका फैसला तो जनता जनार्दन को ही करना है।अब प्रश्न ये है जब होम क्वरंटाईन होते हुये एक शिक्षक जब घूमते हुआ पाया गया तो कलेक्टर दतिया संजय कुमार ने उसे निलंबित कर दिया तो देखना ये होगा कि क्या संजय कुमार तहसीलदार इन्दरगढ़ के विरुद्ध क्या कार्यवाही करते हैं ?
या फिर सरकारी आदेशों की सिर्फ जनता ही शिकार होती है क्या अधिकारियो पर कोरोना नियम लागू नही होते ?