सिविल अस्पताल मे लापरवाही का संक्रमण बीते दिनों कई मरीजों की समय पर इलाज नहीं मिलने से हुई मौत,पढ़े पूरी खबर.....

जिले का दूसरा सबसे बड़ा सबलगढ़ सिविल अस्पताल मे लापरवाही का संक्रमण बीते दिनों कई मरीजों की समय पर इलाज नहीं मिलने से हुई मौत।


कोरोना संक्रमण महामारी का प्रकोप बढ़ रहा है और ऐसे समय जिले का दूसरा सबसे बड़ा सबलगढ़ सिविल अस्पताल में मरीजों को ना समय पर इलाज मिल रहा है नहीं डॉक्टर मरीजों की नब्ज टटोल रहे हैं बीते दिनों में अस्पताल में बिना इलाज के बीते दिनों में कई मरीजों की दर्दनाक मौत का मामला सामने आया।

चिंता की बात यह है कि लाखों रुपए खर्च कर अस्पताल में संसाधन तो लगाए गए लेकिन धरातल की बजाय का कागजों के आंकड़ों में सिमट कर रह गए जिस अस्पताल पर 5 लाख की आबादी जिस निर्भर है जहां संसाधनों का टोटा है ऑक्सीजन सिलेंडर से लेकर तमाम संसाधनों का टोटा है जिला प्रशासन व स्वास्थ्य विभाग की पूरी चिंता जिला अस्पताल पर केंद्रित है लेकिन सबलगढ़ अस्पताल पर नहीं जहां पहले स्थानीय स्तर पर एसडीएम अस्पताल का निरीक्षण करते थे उन्होंने भी अब अस्पताल से पीठ फेर ली है जिसका खामियाजा मरीजों को भुगतना पड़ रहा है।

मुरैना जिले का दूसरा सबसे बड़ा सबलगढ़ सिविल अस्पताल है यहां लाखों रुपए खर्च करके ऑक्सीजन से लेकर कोविड वार्ड बनाया गया है लेकिन कोरोना पॉजिटिव होने पर मरीजों को यहां भर्ती नहीं किया किया जाता क्योंकि अस्पताल की पूरी सुविधाएं कागजों में सिमट कर रह गई है बिना लक्षणों वाले मरीजों को घरों पर आइसोलेट किया जा रहा है और जिसकी भी तबीयत जरा सी बिगड़ती है उसे जिला अस्पताल भेज दिया जाता है।

अस्पताल की व्यवस्था का आलम यह है कि यहां मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर साहब ही गायब रहते हैं ओपीडी में डॉक्टर साहब अपने मनमाने टाइम से आते हैं और जाते हैं नतीजा यह होता है कि मरीजों को इलाज के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है 5 लाख की आबादी जिस अस्पताल पर निर्भर है और अस्पताल में मरीजों के लिए कोविड बनाया गया वह कोविड वार्ड आवारा कुत्तों का अड्डा बन कर रह गया है।

घरों में आइसोलेट मरीजों को सांस लेने में तकलीफ होने पर अस्पताल लाया जाता है जहां से उन मरीजों को जिला अस्पताल रेफर कर दिया जाता है ऑक्सीजन वह इलाज समय पर नहीं मिलने से बीते दिनों में कई मरीजों की बिना इलाज के जान चली गई कहां हम सबलगढ़ को जिला बनाने की बात कर रहे हैं सरकार ने क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा का लाभ मिल सके इसके लिए सबलगढ़ में करोड़ों की लागत से सिविल अस्पताल बनाया और अस्पताल में संसाधनों के लिए लाखों रुपए खर्च किए गए।

लेकिन उसके बावजूद भी अस्पताल में संसाधनों का टोटा है कहने को सिविल अस्पताल है लेकिन नाम का सिविल अस्पताल बनकर रह गया है जहां व्यवस्थाएं इस कदर हावी है कि अस्पताल में मरीजों का इलाज करने वाले डॉक्टर साहब ही गायब रहते हैं संसाधन तो दूर की बात है जिसे लेकर क्षेत्र के लोगों में काफी रोष पनप रहा है।


Post a Comment

Previous Post Next Post
eaglenews24x7

क्या कहते है सितारे