विश्व के टॉप मीडिया हाउस ने भारत सरकार के विषय क्या लेख लिखा है,जानने के लिए पढ़े पूरी खबर....

विश्व के टॉप मीडिया हाउस ने भारत सरकार के विषय क्या लेख लिखा है,जानने के लिए पढ़े पूरी खबर....


हर रोज भारत देश में कोरोना महामारी की वजह से हालात और भी बिगड़ते जा रहे हैं।यदि हम स्वास्थ्य विभाग के बारे में बात करें तो अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड नहीं है एवं दवाइयों के लिए भी परेशान होना पड़ रहा है कोरोना महामारी की वजह से जिन लोगों की हर रोज मृत्यु हो रही है उन्हें शमशान और कब्रिस्तान में कतार लगाकर खड़े होना पड़ रहा है किस तरह से मोदी सरकार को विदेशी मीडिया ने अपने कटघरे में खड़े रखा है इस विषय में हम जाने:-
ऑस्ट्रेलियन फाइनेंशियल रिव्यू जो कि ऑस्ट्रेलिया का अखबार है इस अखबार का रिएक्शन सबसे तीखा देखने को मिला है।डेविड रोव जो कि एक कार्टूनिस्ट है उनके द्वारा बनाए गए एक कार्टून चित्र में भारत देश को एक विशाल हाथी के रूप में दिखाया है जिसमें में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उस हाथी के ऊपर  लाल सिंहासन पर  गद्दी लगा कर बैठे हुए और अपने सिर में तर्राकेदार पगड़ी बांधे हुए हैं।साथ ही अपने हाथ पर एक माइक पकड़े हुए हैं जिसमें वह भाषण देते हुए दिखाई दे रहे हैं,यह कार्टून चित्र सोशल मीडिया पर बहुत ही चर्चा पर है।
24 अप्रैल को द वाशिंगटन पोस्ट अखबार जो कि अमेरिका का है जिसने अपने लेेख पर सुझाव दिया।भारत में कोरोना फैलने की यह सबसे बड़ी वजह है।इस बीमारी को काबू में लाने के लिये जो पाबंदियां लगाई गई थी जिसको बहुत जल्द हटा दिया गया।जिसकी वजह से लोगो ने इस महामारी बहुत ही हल्के में समझ लिया। जिसके चलते यह संक्रमण तीव्र गति से लोगों पर अपना असर दिखाने लगा।कुंभ मेला,क्रिकेट स्टेडियम जैसे बहुत से उदाहरण है जिसके चलते अधिक संख्या में लोगो ने इस समय का हल्के में लिया जिसके चलते लोगों पर संक्रमण का असर बहुत ही तेजी हो गया।यदि हम बात करें तो कोरोना का नया वैरियंट बहुत ही खतरनाक साबित हो रहा है।
23 अप्रैल को द गार्जियन अखबार जो कि ब्रिटेन का है उसने अपने लेख में लिखा प्रधानमंत्री के अति आत्मविश्वास के कारण भारत मे कोविड-19 का रिकार्ड जो कि दूसरी लहर है वो बहुत ही अधिक स्तर पर है। जिसकी वजह से लोगों को बहुत ही गंभीर हालातों का सामना करना पड़ रहा है अस्पतालो में बेड नहीं मिलता या फिर ऑक्सीजन की कमी होती है या तो दोनों ही नही मिल पाते।विगत 6 हफ्ते पहले भारत को उन्होंने 'वर्ल्ड फॉर्मेसी' घोषित कर दिया था,जबकि वैक्सीनेशन भारत की आबादी का 1% भी नहीं हुआ है।
द न्यूयॉर्क टाइम्स जो कि अमरीकी अख़बार है उसमें 25 अप्रैल को भारत देश के विषय में लिखा कि साल भर पहले जो सख्त लॉकडाउन लगाया गया था उसमें इस महामारी को काफी हद तक काबू कर लिया था लेकिन एक्सपर्ट के द्वारा जो चेतावनी दी गई थी उसे अनदेखी कर, आज इस महामारी में काबू कर पाना मुश्किल हो रहा है।प्रमुख राज्यों में लॉकडाउन लगा दिया गया है,अस्पतालों में बेड नहीं सरकार के द्वारा लिए गए गलत फैसले और आने वाली मुसीबतों को अनदेखी कर जिसकी वजह से भारत देश बहुत ही खराब स्थिति में आ चुका है।
टाइम मैगजीन जो कि एक प्रतिष्ठित है जिसमें राणा अय्यूब ने 23 अप्रैल को अपने लेख में लिखा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एस महामारी की लड़ाई में नाकाम साबित हो रहे हैं साथ ही यह सवाल भी किया की इस साल इस महामारी से निपटने के लिए कोई भी तैयारी क्यों नहीं की गई।सीधे निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कहा जिम्मेदारी उनके पास है जिनमें सारी जिम्मेदारियों को नजरअंदाज कर दिया है।

जिम्मेदारियां उन मंत्रीमंडल के पास है जिन्होंने इस महामारी से लड़ने के लिए प्रधानमंत्री की तारीफों के पुल बांध दिए कि उन्होंने कोरोना जैसी बड़ी महामारी से लड़ने के लिए सफल लड़ाई लड़ी है।टेस्टिंग बहुत ही धीमी गति से चल रही है जिसके चलते लोगों में इस वायरस का ज्यादा भय नहीं रहा।
वही बीबीसी ने 2 दिन पहले ही अपने लेख में लिखा बढ़ते हुए कोरोना के रिकार्डो के मामलो से हेल्थ सिस्टम में बहुत बड़ा असर पड़ा है।जिसके कारण लोगों को बहुत देर तक इंतजार करना पड़ रहा है साथ ही अस्पतालों में ऑक्सीजन और बेड ही नही है।हैल्थ प्रोटोकॉल ढिलाई के कारण इस महामारी के मामलों में बढ़ोतरी आयी है।एक तरफ माक्स लगाने में सख्ती दिखाई गई और वही दूसरी तरफ कुंभ के मेलो में लाखों लोग की उपस्थित रहे।

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