नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में उप चुनाव प्रचार खत्म होने के पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ को राहत प्रदान की है। पूर्व सीएम की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने कमलनाथ के खिलाफ चुनाव आयोग (ईसी) के फैसले पर रोक लगा दी है। चुनाव आयोग के कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में लिस्ट से उनका नाम हटाने के आदेश को उन्होंने चुनौती दी है। कमलनाथ की याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने उनके वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि वो अब इस बाबत सुनवाई करेंगे कि क्या चुनाव आयोग के पास किसी पार्टी के स्टार प्रचारक का दर्जा उससे छीनने का अधिकार है। दअरसल, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कमलनाथ के खिलाफ ये एक्शन लिया था। आयोग ने पिछले दिनों कमलनाथ को चेतावनी के बावजूद बार-बार चुनावी सभाओं में अपने बयानों से आचार संहिता का उल्लंघन करने पर पूर्व मुख्यमंत्री को कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटाने का आदेश दिया था।कमलनाथ ने याचिका में कहा है कि किसी व्यक्ति को स्टार प्रचारक के रूप में नामित करना पार्टी का अधिकार है और चुनाव आयोग पार्टी के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। चुनाव आयोग का निर्णय अभिव्यक्ति और आवागमन के बुनियादी अधिकार का उल्लंघन है। चुनाव आयोग नोटिस देने के बाद फैसला कर सकता है, लेकिन यहां कमलनाथ को कोई नोटिस नहीं दिया गया। चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि कमलनाथ के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें लगातार आ रही थीं। बीजेपी नेता इमरती देवी को आइटम बोलने के बाद कमलनाथ ने एक अन्य सभा में शिवराज सिंह को नौटंकी कलाकार भी कहा था। आयोग ने मध्य प्रदेश के सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर कमलनाथ को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना था।
नई दिल्ली। मध्यप्रदेश में उप चुनाव प्रचार खत्म होने के पहले मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता कमलनाथ को राहत प्रदान की है। पूर्व सीएम की याचिका पर सोमवार को सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस एसए बोबडे, जस्टिस एएस बोपन्ना और जस्टिस वी रामासुब्रमण्यम की बेंच ने कमलनाथ के खिलाफ चुनाव आयोग (ईसी) के फैसले पर रोक लगा दी है। चुनाव आयोग के कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारक के रूप में लिस्ट से उनका नाम हटाने के आदेश को उन्होंने चुनौती दी है। कमलनाथ की याचिका में कहा गया है कि चुनाव आयोग ने उनके वैधानिक अधिकारों का उल्लंघन किया है। याचिका पर सुनवाई के दौरान प्रधान न्यायाधीश एसए बोबडे ने कहा कि वो अब इस बाबत सुनवाई करेंगे कि क्या चुनाव आयोग के पास किसी पार्टी के स्टार प्रचारक का दर्जा उससे छीनने का अधिकार है। दअरसल, चुनाव आयोग ने शुक्रवार को कमलनाथ के खिलाफ ये एक्शन लिया था। आयोग ने पिछले दिनों कमलनाथ को चेतावनी के बावजूद बार-बार चुनावी सभाओं में अपने बयानों से आचार संहिता का उल्लंघन करने पर पूर्व मुख्यमंत्री को कांग्रेस पार्टी के स्टार प्रचारकों की लिस्ट से हटाने का आदेश दिया था।कमलनाथ ने याचिका में कहा है कि किसी व्यक्ति को स्टार प्रचारक के रूप में नामित करना पार्टी का अधिकार है और चुनाव आयोग पार्टी के फैसले में हस्तक्षेप नहीं कर सकता। चुनाव आयोग का निर्णय अभिव्यक्ति और आवागमन के बुनियादी अधिकार का उल्लंघन है। चुनाव आयोग नोटिस देने के बाद फैसला कर सकता है, लेकिन यहां कमलनाथ को कोई नोटिस नहीं दिया गया। चुनाव आयोग ने अपने आदेश में कहा कि कमलनाथ के खिलाफ आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायतें लगातार आ रही थीं। बीजेपी नेता इमरती देवी को आइटम बोलने के बाद कमलनाथ ने एक अन्य सभा में शिवराज सिंह को नौटंकी कलाकार भी कहा था। आयोग ने मध्य प्रदेश के सीईओ की रिपोर्ट के आधार पर कमलनाथ को आचार संहिता के उल्लंघन का दोषी माना था।