ट्रैफिक सिग्नल को फेल कर देंगे गोहलपुर-रद्दी चौकी; एक में सोफा-आलमारी तो दूसरे में सब्जी ठेलों का कब्जा


जबलपुर,  रद्दी चौकी में पूरा का पूरा शो-रूम सड़क पर ही जमा हुआ है। जेंट्री गेट की आड़ में जगह कब्जा ली गई है। चौराहों पर ट्रैफिक सिग्नल चालू कर ट्रैफिक नियंत्रण करने का टेस्ट हुआ, लेकिन किनारों के अतिक्रमण चौपट कर रहे व्यवस्था को, कुछ लोगों की वजह से हजारों की आबादी कष्ट में निकलती है यहाँ से

मदन महल से दमोहनाका तक फ्लाई ओवर बन रहा है जिससे निकट भविष्य में यातायात कुछ सुगम हो सकता है, लेकिन इसी मार्ग पर गोहलपुर तिराहे से रद्दी चौकी तक शाम के वक्त निकलना बेहद तकलीफों से भरा हुआ है, इससे जल्द निजात मुश्किल है। इन तिराहे और चौराहे के नजदीक अराजक यातायात और उस पर किनारे के हिस्से में बेतहाशा अतिक्रमण एक-एक पग को भारी बना देते हैं। ट्रैफिक पुलिस ने हालाँकि कुछ दिन पहले गोहलपुर तिराहे और रद्दी चौकी में ट्रैफिक सिग्नल को चालू कर यहाँ पर ट्रैफिक सिग्नल के माध्यम से ट्रैफिक को नियंत्रित करने की कोशिश की।

इस कोशिश में लेकिन अतिक्रमण सबसे बड़ी समस्या साबित हो रहे हैं। तिराहे और चौराहे के आसपास यह आलम है कि हर हिस्से में अतिक्रमण है। वाहन सिग्नल पर आगे खड़ा होता है तो किनारे के हिस्से में जगह ही नहीं बच पाती है। एक तरह से ट्रैफिक सिग्नल चालू करने की कवायद बस से यहाँ पर कष्टदायी हालात का पता चल गया है। अब जानकारों का कहना है िक जब तक यहाँ से किनारे के अतिक्रमण अलग नहीं किये जाते हैं तब तक यहाँ पर कोई भी सिस्टम यातायात को बेहतर नहीं बना सकता है।

बीच सड़क तक दुकान मालिकों का कब्जा
रद्दी चौकी चौराहा और उससे आगे किसी तरह से महसूस नहीं हो सकता है कि सड़क नगर निगम और जनता की है, ऐसा लगता है जैसे इसके असली मालिक तो सोफा, आलमारी बेचने वाले हैं। सोफा, डायनिंग, आलमारी और इसी तरह के सामानों को बीच सड़क तक दुकान मालिक सजाकर रखता है। बड़ी ही बेशर्मी के साथ इनको आधा सड़क पर कब्जा कर बेचा जा रहा है। इनको हटाने और अतिक्रमण अलग करने के विषय में गंभीरता से सोचा तक नहीं जाता है। नगर निगम अतिक्रमण दस्ते द्वारा इनके ऊपर ठोस कार्रवाई न करने का नतीजा है कि इन दुकान मालिकों ने आधी सड़क को अपनी संपत्ति समझ लिया है। जनता की सहूलियत और आम आदमी के विषय में जैसे सोचा नहीं जा रहा है।

गोहलपुर तिराहे में ठेले और गुमटी
गोहलपुर तिराहे में सब्जी और फल के ठेले वाले पूरी तरह से कब्जा किये हुये हैं। शाम को जब भीड़ ज्यादा होती है तब तो दोपहिया वाहन चालक तक यहाँ से किसी तरह आगे बढ़ पाता है। सब्जी और फल के ठेले वाले किसी भी तरह से सड़क को छोड़ने तैयार ही नहीं होते हैं। करीब ही गोहलपुर थाना है, लेकिन कोई ट्रैफिक व्यवस्था को ठीक करा दे, इन फल-सब्जी के ठेले वालों को किनारे करा दे इसकी फुर्सत ही नहीं है। एक तरह से पूरे चौराहे में एकदम अराजक हालात हैं, जिसमें बीच सड़क तक कब्जा कस्बायी नजारा दर्शाता है। यहाँ ट्रैफिक सिग्नल लगे और आगे चालू भी हो जाते हैं तो भी चौपट हो चुके ट्रैफिक से सहज निजात मुश्किलों से भरा है। सिग्नल चालू होने के साथ अतिक्रमण हटाना बेहद जरूरी है।

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