मध्यप्रदेश अब बंटाढार-अक्षम नहीं, हर क्षेत्र में सक्षम-मालदार प्रदेश है


भोपाल। मध्यप्रदेश में कांग्रेस के शासनकाल में विकास और कल्याण के काम तो होते नहीं थे, लेकिन विनाश, भ्रष्टाचार का बोलबाल खूब था। 2003 से पहले मध्यप्रदेश की पहचान बंटाढार प्रदेश के रूप में होती थी। प्रदेश के उपर इतनी देनदारियां थीं कि कुल राजस्व आय का 21 प्रतिशत तो देनदारों के ब्याज चुकाने में ही चला जाता था। प्रदेश में सड़क, बिजली, पानी, स्वास्थ्य सुविधाएं, शिक्षा और उद्योगों की स्थिति बेहद दयनीय थी। 2003 के बाद जब प्रदेश में भाजपा की सरकार बनी तो प्रदेश के नक्शे में विकास की लकीरें खीचीं गईं। आज मध्यप्रदेश की पहचान बंटाढार नहीं मालदार प्रदेश के रूप में होती है। आज प्रदेश हर क्षेत्र में अक्षम नहीं, बल्कि पूरी तरह से सक्षम राज्य है। ये बातें भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता रजनीश अग्रवाल ने हां... ये चुनाव है कार्यक्र्रम को संबोधित करते हुए कही।
रजनीश अग्रवाल ने कहा कि कमलनाथ सरकार ने अक्टूबर 2019 में यह स्वीकार करने के साथ-साथ प्रचारित भी किया कि मध्यप्रदेश के निर्यात का सबसे अधिक 27.6 प्रतिशत हिस्सा फार्मास्यूटिकल क्षेत्र से होता है। मध्यप्रदेश में तेजी के साथ फार्मास्यूटिकल कंपनियां बढ़ रहीं हैं। धागे से लेकर कपड़े तक के मामले में मध्यप्रदेश एक बेहतरीन हब के रूप में देश-दुनिया के सामने उभरा है। देश में सबसे अधिक 1200 से ज्यादा रेडिमेट गारमेंट की यूनिट इंदौर में स्थापित हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ही स्वीकार किया था कि मध्यप्रदेश में टेक्सटाइल की वेल्यू चैन स्थापित है। अनाज, दलहन और तिलहन के मामले में मध्यप्रदेश अग्रणी राज्यों में शामिल है। उन्होंने कहा कि देश में दुग्ध उत्पादन के मामले में मध्यप्रदेश पांचवे नंबर पर है और कॉटन उत्पादन में मध्यप्रदेश देश का पांचवा सबसे बड़ा राज्य है। मध्यप्रदेश में 300 से अधिक समृद्ध और संपन्न कंपनियां कारोबार कर रही हैं। प्रदेश में सबसे बेहतरीन रोड नेटवर्क है। कमलनाथ ने एमएसएमई की जितनी समस्याएं थीं उनको रामभरोसे छोड़ दिया। उनको मेग्नीफिसेंट मध्यप्रदेश समिट में आमंत्रित नहीं किया, क्योंकि कमलनाथ तो अपने उद्योगपति मित्रों को लाभ देने चले थे। श्री अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार ने किसानों, युवाओं, गरीबों, बुजुर्गों को ठगा और सत्ता में आने के बाद संविधान को भी ठगने का काम किया है। नागरिकता संशोधन विधेयक के समय भोपाल की सड़कों पर देश के संविधान और प्रधानमंत्री को गाली देकर नारे लगाए। उनकी सरकार में अधिकारियों ने जनता को थप्पड़ जड़े। इंदौर में धरने के कारण ही कोरोना का संक्रमण फैला था। हिंसा फैलाने वालों पर कमलनाथ सरकार ने कोई कार्यवाही नहीं की। उज्जैन में महाकाल मंदिर का रास्ता रोकने का काम किया। जब पुलवामा में आतंकी हमला हुआ तो उन्होंने भारत सरकार, सेना और समाज को लांछित करने का काम किया।
कांग्रेस वीर जवानों का अपमान भी किया-
रजनीश अग्रवाल ने कहा कि ग्वालियर-चंबल की भूमि साहस और शौर्य की भूमि है। वहां की धरती के सबसे अधिक युवा भारतीय सेना में सैनिक हैं। कांग्रेस ने सैनिकों और उनके परिवारों का अपमान किया है। सर्जिकल स्ट्राइक पर सवाल खड़े किए। कांग्रेस का जो नेता आतंकवाद का समर्थन करता है उसे कमलनाथ विधायक और स्टार प्रचारक बनाते हो, क्योंकि उनका चरित्र और व्यवहार भी इसी प्रकार का रहा है। केंद्रीय मंत्री रहते हुए जिस प्रकार से कमलनाथ ने देश को छला है उसे देश की जनता कभी नहीं भूल सकती है। कमलनाथ ने परंपरागत उद्योगों को बंद करने का काम किया। कांग्रेस ने केवल देश के साथ गद्दारी करने का काम किया है। किसान, सेना, सरकार, समाज, युवा, महिलाओं सभी के साथ गद्दारी की है। उन्होंने कहा कि कमलनाथ कहां पैदा हुए, कहां पले, कहां पढ़े और यहां मध्यप्रदेश को चारागाह बनाने आ गए। लेकिन किसान का बेटा संवेदनशीलता के साथ सबके साथ चलता है, कृषि विकास करता है, गरीबों का विकास करता है, जनकल्याणकारी योजनाएं चलाता है। उन्होंने कहा कि 3 नवम्बर को कांग्रेस की सोच और मानसिकता को कुचलने का काम प्रदेश की जनता को करना है। यह चुनाव विकसित मध्यप्रदेश और बंटाढार मध्यप्रदेश के बीच है। आज स्थापना दिवस पर संकल्प लेकर 3 नवम्बर को वोट डालना है कि कांग्रेस पलटकर मध्यप्रदेश में कभी ना आ सके।

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