जबलपुर, के श्री जानकी रमण महाविद्यालय में रोजाना शाम संगीत के साधक जुटते थे लेकिन किसी ने भी म्यूजिक बैंड बनाने की कल्पना नहीं की थी। धीरे-धीरे साजदार जुटते चले गए और इस तरह से 16 सदस्यों वाला महिला बैंड तैयार हो गया। कबीर के दोहे और रवींद्र संगीत के जरिए बैंड ने हाल में ही अपनी दूसरी परफॉर्मेंस झोतेश्वर धाम में दी है। नाट्य लोक संस्था का यह बैंड कोरोना के चलते फिलहाल वर्चुअल परफॉर्मेंस दे रहा है।
संस्था के संयोजक दविंदर सिंह ग्रोवर बताते हैं कि बैंड में ज्यादातर महिलाएं हैं। कबीर के दोहे मानवता का संदेश देते हैं, वहीं रवींद्र संगीत शांति के लिए है, इसलिए हमने इसे ही चुना। वे बताते हैं कि कोविड के दौर में जबलपुर के कलाकारों का मनोबल बढ़ाना था। हमने कॉलेज के प्राचार्य डॉ.अभिजात कृष्णा त्रिपाठी से प्रैक्टिस के लिए जगह मांगी। उन्होंने हमें अनुमति दी। बैंड को मिले नाम के पीछे भी रोचक कहानी है। दविंदर बताते हैं कि एक दिन रिहर्सल के दौरान प्राचार्य ने पूछ लिया- बैंड का नाम क्या है? सभी सोचने लगे। तभी वे बोले-श्रीजानकी बैंड..कैसा रहेगा? और इस तरह बैंड को नाम मिल गया।