गिरफ्तार होने के बाद महिला बोली- प्रेमी को नहीं खोना चाहती थी, इसलिए एक साल की बेटी को पानी में फेंका


भोपाल में तीन दिन पहले एक साल की अपनी जिंदा बेटी को बड़े तालाब में फेंकने वाली मां का कबूलनामा पुलिस को भी हैरान कर रहा है। विवाहिता को कितना अफसोस है, यह तो नहीं बता पा रही, लेकिन वह इतना कह रही है कि उसके पास इसके सिवा कोई दूसरा रास्ता नहीं बचा था। वह अपने प्रेमी को खोना नहीं चाहती थी, इसलिए बेटी को रास्ते से हटा दिया। विवाहिता और उसका प्रेमी रायसेन जिले के रहने वाले हैं। इधर, प्रेमी शिवम की फोन करने की एक गलती ने उसे सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। पुलिस ने आरोपी महिला और उसके प्रेमी को सोमवार दोपहर करीब 2 बजे लालघाटी स्थित हलालपुरा बस स्टैंड से गिरफ्तार कर लिया। दोनों बस पकड़कर भोपाल से बाहर भागने की फिराक में थे।

थाना प्रभारी तलैया डीपी सिंह के अनुसार, सोनम को अपनी बेटी की मौत का कोई खास अफसोस नजर नहीं आया। पकड़े जाने के बाद भी वह यही कहती रही कि उसे उसका पति मारता है। घरवाले भी डांटते हैं, इसलिए उसने यह कदम उठाया।

पूछताछ में 23 साल की सोनम ने पुलिस को बताया- शादी के बाद से ही पति जितेंद्र चौरसिया से झगड़ा होने लगा था। वह मारपीट करता था। इसलिए मेरा मन नहीं लगता था। शिवम से मेरी पहचान कॉलेज के समय से थी। हम एक-दूसरे को प्यार करने लगे थे। 16 सितंबर के तड़के करीब 3 बजे मैं घर से बेटी को लेकर औबेदुल्लागंज से रायसेन अपने मायके आ गई। पिता के पूछने पर मैंने बताया कि जितेंद्र मारपीट करता है। पापा ने डांटा भी था तो 17 तारीख की सुबह 11 बजे वहां से शिवम के साथ चली गई। हम भोपाल आ गए। वीआईपी रोड पर मैंने अपनी बेटी को पानी में फेंक दिया। उसका सिर किसी चीज से टकराया भी था। फिर मैं रोने लगी और गोताखोर आ गए तो मैंने कहानी बना दी। शिवम के आने के बाद हम वहां से रायसेन कोतवाली थाने पहुंचे और मैंने पुलिस को बताया कि पति मारपीट करता है। इसलिए मैं शिवम के साथ जा रही हूं। उसके बाद शिवम के साथ भोपाल चली आई। सब मुझे डांटते हैं। शिवम ही है, जो मुझे प्यार करता है। मैं उसे किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहती थी। इसलिए बेटी को मार दिया।

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