राखी की डोर बनी देश की कवच:जबलपुर में बहनों ने वीर जवानों को दियाअमर वचन...
जबलपुर।।रक्षा बंधन के इस पर्व ने जब सरहद के सिपाहियों से हाथ मिलाया,तो यह महज़ एक पारंपरिक रस्म नहीं रही,बल्कि देशभक्ति का जीवंत उत्सव बन गई।मां भारती संस्था की पहल पर आयोजित इस विशेष समारोह में,बहनों ने तिरंगे से सजी थालियों और देशप्रेम से भरे मन के साथ भारतीय सैनिकों की कलाई पर राखी बांधी।पहली राखी बंधते ही वातावरण “भारत माता की जय”और “वंदे मातरम”के नारों से गूंज उठा। संस्था की अध्यक्ष ज्योति जैन ने कहा—"आप सिर्फ़ सरहद के रक्षक नहीं, हमारे असली भाई हैं। हमारी हर सुरक्षित सांस,आपके त्याग की देन है।"
बहनों की आंखों में गर्व और आंसू एक साथ चमक रहे थे,हर राखी में रक्षा का आशीर्वाद,हर मुस्कान में अटूट विश्वास और हर थाली में मातृभूमि के प्रति प्रेम साफ़ झलक रहा था।
सैनिकों ने भी अपने संकल्प को दोहराते हुए कहा—"मातृभूमि की रक्षा ही हमारा धर्म है।बहनों का विश्वास ही हमारी सबसे बड़ी ताकत है।"
कार्यक्रम के अंत में सैनिकों और बहनों ने मिलकर तिरंगा लहराया,राष्ट्रगान गाया और यह संदेश दिया—"सीमा और घर,दोनों पर राखी की यह डोर हमेशा अटूट रहेगी।"
इस भावनात्मक समारोह में डॉ.प्रीति जैन,डॉ. अनुराधा डांग,निशा केसवानी,डॉ.मंजू गुलाटी, वैशाली टेमरे,हेमा ठाकुर और सुरभि जैन सहित कई बहनों ने सक्रिय भागीदारी निभाई।