वन विभाग की कमान किसके हाथ ? वीएन अंबाड़े सबसे आगे,सीक्रेट मीटिंग में तय हुई अगला हॉफ!
भोपाल।।मध्यप्रदेश वन विभाग में सबसे ऊंचे ओहदे हेड ऑफ फॉरेस्ट फोर्स (H.O.F.F.) को लेकर पर्दे के पीछे तय हो चुका है नया नाम — बस औपचारिक आदेश का इंतजार है।
गुरुवार को मंत्रालय के सबसे गोपनीय कमरों में हुई डीपीसी (विभागीय पदोन्नति समिति) की मीटिंग में वीएन अंबाड़े का नाम लगभग फाइनल कर लिया गया है।सूत्रों की मानें तो निर्णय सर्वसम्मति से लिया गया और अब यह सिर्फ मुख्य सचिव की रिपोर्ट और सीएम की मुहर का इंतजार कर रहा है।
बैठक का बैकडोर प्लान:राजस्थान नहीं आया, छत्तीसगढ़ आया
यह मीटिंग पहले बुधवार को होनी थी,लेकिन राजस्थान के हॉफ की तबीयत खराब होने के चलते टल गई।
बाद में केंद्र ने विशेष आदेश से छत्तीसगढ़ के हॉफ श्रीनिवासन को एमपी भेजा,जिन्होंने मुख्य सचिव अनुराग जैन की अध्यक्षता में बैठक में भाग लिया।
👉 ये बदली हुई रणनीति बताती है कि राज्य सरकार इस नियुक्ति को लेकर बेहद स्पष्ट और जल्दी में है।
पैनल में कौन-कौन थे शामिल?तीन नाम प्रमुख रूप से चर्चा में रहे:
🟢 वीएन अंबाड़े – वरिष्ठतम अधिकारी, वन विकास निगम में पीसीसीएफ
🟡 एचयू खान – 1989 बैच, कई जिलों में कार्य का अनुभव
🔵 विभाष ठाकुर – 1990 बैच, वर्तमान में फील्ड ऑपरेशन में सक्रिय
इनमें से वीएन अंबाड़े की सीनियरिटी और डिपार्टमेंटल ग्राउंड पकड़ सबसे मजबूत बताई जा रही है।
क्यों खास है यह पोस्ट?
यह सिर्फ प्रशासनिक जिम्मेदारी नहीं,बल्कि राज्य के ग्रीन पॉलिसी विज़न का अगुवा होता है।
आने वाले वर्षों में कार्बन क्रेडिट,वन संरक्षण,जलवायु-स्मार्ट रणनीतियों में MP का रुख तय करेगा हॉफ।
यही वजह है कि चयन में पारदर्शिता और विशेषज्ञता दोनों को तरजीह दी जा रही है।
अंदर की खबर:क्यों अंबाड़े को मिली प्राथमिकता?
विभागीय सूत्रों की मानें तो "नो कंट्रोवर्सी - हाई स्टेबिलिटी" वाला रिकॉर्ड अंबाड़े के पक्ष में गया।
उनका फील्ड एक्सपीरियंस,फॉरेस्ट प्रबंधन में गहरी समझ और साइलेंट परफॉर्मेंस अप्रोच निर्णायक साबित हुआ।
वहीं,अन्य दो अफसरों की फाइलों में कुछ प्रशासनिक मुद्दे अटके हुए बताए जा रहे हैं।
अब अगला स्टेप?
📆 31 जुलाई को मौजूदा हॉफ असीम श्रीवास्तव रिटायर हो रहे हैं।
🗓️ 1 अगस्त से पहले नए हॉफ के नाम का आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी हो जाएगा — जिसकी फाइल अब मंत्रालय के अंतिम अनुमोदन चरण में है।
निष्कर्ष:
हॉफ सिर्फ एक अफसर नहीं — यह पर्यावरणीय दिशा का आर्किटेक्ट होता है।
अगर वीएन अंबाड़े की ताजपोशी होती है,तो यह विभाग में शांत लेकिन निर्णायक नेतृत्व की वापसी मानी जाएगी।