रविवार-सोमवार की दरम्यानी रात शाजापुर में मोहर्रम के जुलूस के दौरान एक ही समुदाय के दो गुटों के बीच अचानक विवाद हो गया, जिससे शहर में तनाव का माहौल बन गया। अखाड़ा खेलने के दौरान हुई बहस ने देखते ही देखते झड़प का रूप ले लिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने तत्काल मोर्चा संभालते हुए लाठीचार्ज कर हालात पर काबू पाया।
सूत्रों के अनुसार, विवाद उस समय शुरू हुआ जब एक गुट के युवक ने मंच पर लगे माइक से अपशब्दों का इस्तेमाल किया। इस पर दूसरे पक्ष ने विरोध जताया और देखते ही देखते दोनों गुट आमने-सामने आ गए। मौके पर मौजूद पुलिस ने तुरंत हस्तक्षेप करते हुए बल प्रयोग किया और युवकों को तितर-बितर कर दिया।
लाठीचार्ज के दौरान अफरा-तफरी मच गई और जुलूस में शामिल युवक इधर-उधर भागने लगे। इस हंगामे के चलते आमतौर पर सुबह 5 बजे तक चलने वाला मोहर्रम का जुलूस रात करीब 2 बजे ही समाप्त कर दिया गया।
एडिशनल एसपी टीएस बघेल ने बताया कि "अखाड़ा प्रदर्शन के दौरान दो गुटों में मामूली विवाद हुआ था, जिसे मौके पर तैनात पुलिस बल ने सख्ती से नियंत्रित कर लिया। स्थिति अब पूरी तरह सामान्य है।"
गौरतलब है कि शाजापुर में मोहर्रम के दौरान पिछले वर्षों में भी विवाद की घटनाएं सामने आती रही हैं। इस बार भी आयोजन के पूर्व दिनों में एक प्रकरण में कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज की गई थी।
हालांकि रविवार रात के घटनाक्रम के संबंध में सोमवार सुबह तक किसी प्रकार का प्रकरण दर्ज नहीं किया गया था। घटना के बाद प्रशासन ने सतर्कता बढ़ा दी है और शहर के संवेदनशील क्षेत्रों में निगरानी जारी है।
शाजापुर में मोहर्रम पर कुल दस दिन तक विविध धार्मिक आयोजन होते हैं, जिसमें जुलूस और अखाड़ा प्रदर्शन प्रमुख होते हैं। प्रशासन अब शेष आयोजनों को शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए अतिरिक्त सतर्कता बरत रहा है।