11 महीनों की painstaking जांच के बाद पुलिस ने जो साक्ष्य जुटाए हैं, वे मामले को एक स्पष्ट हत्या की दिशा में ले जा रहे हैं। तीनों आरोपियों — अर्पित त्रिपाठी, अनीत त्रिपाठी और दुर्गेश तिवारी — की भूमिका अब अदालत में तय होगी।
पुलिस अधीक्षक ने स्पष्ट किया है कि वायरल वीडियो, मिठाई बंटने की तस्वीर और हूटर लगी गाड़ी की फुटेज को भी केस डायरी में शामिल किया गया है।
सवाल यह नहीं कि आरोपी पकड़े गए या नहीं, सवाल यह है कि क्या कानून समान रूप से लागू होगा, चाहे आरोपी सत्ता पक्ष का क्यों न हो?