भारत सरकार द्वारा हस्ताक्षरित TEPA समझौता देश के अब तक के सबसे बड़े निवेश वादों में से एक है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की "मेक इन इंडिया" नीति को इससे बड़ी मजबूती मिलेगी।
वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने खुद यह जानकारी साझा की कि यह समझौता 1 अक्टूबर से प्रभावी होगा।
100 अरब डॉलर का निवेश, 1
मिलियन रोजगार, और यूरोप की ओर सेवा क्षेत्रों का विस्तार — ये सभी बिंदु आने वाले चुनावों में सरकार की 'विकास कथा' को मज़बूत करेंगे।
यह पहल BJP के चुनावी नैरेटिव में शामिल हो सकती है:
"विश्व में भारत की आवाज़ अब निवेश से होती है।""TEPA: भारत की सेवाक्षेत्र रणनीति का मास्टरस्ट्रोक, स्विट्जरलैंड बना यूरोप का गेटवे"
भारत ने अपने सेवा क्षेत्र की क्षमताओं को इस समझौते में केंद्रबिंदु बना दिया है। कंप्यूटर, अकाउंटिंग, R&D, हेल्थ और कानूनी सेवाएं अब स्विट्जरलैंड के माध्यम से पूरे यूरोप में प्रवेश करेंगी।
यह न केवल निर्यात को बढ़ावा देगा, बल्कि भारतीय पेशेवरों के लिए वर्क परमिट, प्रैक्टिस राइट्स और उच्च मूल्य वाली नौकरी के अवसर खोल देगा।
स्विट्जरलैंड की स्थिति EFTA में सबसे मजबूत है, और यह भारत को ग्लोबल सर्विस हब बनाने की दिशा में रणनीतिक फायदा देगा।
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