मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र:एक नई शुरुआत की ओर...
मध्यप्रदेश विधानसभा का मानसून सत्र 28 जुलाई से 8 अगस्त तक चलेगा,जिसमें 10 बैठकें आयोजित की जाएंगी। यह सत्र 12 दिनों तक चलेगा,लेकिन शनिवार और रविवार के अवकाश के कारण कार्यवाही केवल 10 दिनों तक ही हो सकेगी।सत्र के मुख्य बिंदु और विशेषताएं
-सत्र की तिथि और अवधि:28 जुलाई से 8 अगस्त तक, जिसमें 10 दिनों की कार्यवाही होगी,इस दौरान कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा होगी।
-अवकाश:2 और 3 अगस्त को शनिवार और रविवार का अवकाश रहेगा,जिससे कार्यवाही प्रभावित नहीं होगी,यह अवकाश विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों में जाने का अवसर प्रदान करेगा।
-विधायकों के प्रश्न:विधायक ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से प्रश्न पूछ सकेंगे,जिससे उनकी बातें सुनी जा सकें।यह विधायकों को अपने निर्वाचन क्षेत्रों की समस्याओं को उठाने का अवसर प्रदान करेगा।
-अनुपूरक बजट और विधेयक:सरकार अनुपूरक बजट प्रस्तुत करेगी और कई महत्वपूर्ण विधेयक भी प्रस्तुत करेगी, जो राज्य के विकास के लिए महत्वपूर्ण होंगे। यह राज्य के विकास को गति प्रदान करेगा।
विधायकों के लिए महत्वपूर्ण तिथियां और जानकारी
-प्रश्न लगाने की अंतिम तिथि:11 जुलाई,जिससे विधायक अपने प्रश्न समय पर लगा सकें,यह विधायकों को अपने प्रश्नों को तैयार करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करेगा।
-अशासकीय विधेयकों की सूचनाएं:9 जुलाई तक, जिससे विधायक अपने विधेयकों की जानकारी दे सकें। यह विधायकों को अपने विधेयकों को तैयार करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करेगा।
-अशासकीय संकल्पों की सूचनाएं:17 जुलाई तक, जिससे विधायक अपने संकल्पों की जानकारी दे सकें। यह विधायकों को अपने संकल्पों को तैयार करने के लिए पर्याप्त समय प्रदान करेगा।
विपक्षी दल की भूमिका और मुद्दे
-सरकार को घेरने की कोशिश:विपक्षी दल,विशेष रूप से कांग्रेस,सरकार को विभिन्न मुद्दों पर घेरने की कोशिश करेगी,जिनमें बिजली बिल वृद्धि,कानून व्यवस्था, महंगाई, किसानों की समस्याएं और स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली शामिल हैं।यह सरकार को अपनी नीतियों को स्पष्ट करने के लिए मजबूर करेगा।
-सरकार की जवाबदेही:सरकार को इन मुद्दों पर जवाब देना होगा और अपनी नीतियों को स्पष्ट करना होगा। यह सरकार को अपनी जवाबदेही का निर्वहन करने के लिए मजबूर करेगा।
