। जब समुद्र में तैनात एक युद्धपोत न सिर्फ आधुनिक तकनीक से लैस हो, बल्कि उसका हर पुर्जा 'भारत में बना' हो — तब वह सिर्फ एक जहाज नहीं, देश की सामरिक आत्मनिर्भरता का प्रतीक बन जाता है। ऐसा ही है ‘अर्णाला’।
बुधवार को CDS जनरल अनिल चौहान की मौजूदगी में नौसेना के बेड़े में शामिल ‘अर्णाला’ को 80% से अधिक स्वदेशी सामग्री से बनाया गया है। इसमें BEL, एलएंडटी, महिंद्रा डिफेंस, और 55 MSMEs की भागीदारी रही है।
यह पोत भारत की समुद्री रणनीति में ‘माइक्रो फोकस’ लेकर आता है — वह इलाक़े जहां परंपरागत युद्धपोत काम नहीं कर पाते, वहां ‘अर्णाला’ जैसे शैलो वॉटर क्राफ्ट गेम चेंजर साबित होंगे। यह युद्धपोत भारत की तकनीकी, सामरिक और ऐतिहासिक विरासत का शक्तिशाली संगम है।
