गया/दरभंगा/सीवान:
सुदूर गांव की मीना देवी कभी पंचायत की बैठकों में बोल नहीं पाती थीं, लेकिन जब महिला संवाद कार्यक्रम गांव में आया, तो उन्होंने पहली बार मंच पर खड़े होकर कहा — “हमारे आंगनबाड़ी केंद्र में पंखा नहीं चलता।” बस, यही आवाज गूंज बन गई।
बिहार के 70,000 से ज़्यादा स्थानों पर आयोजित यह संवाद अब महिलाओं की बातों को दस्तावेज बनाकर सरकार के एजेंडे में शामिल कर चुका है।
40 विभागों के मुद्दों पर 1 लाख से अधिक महिलाओं ने सुझाव दिये — कोई स्कूल की शिकायत लेकर आई, कोई चापाकल की जरूरत लेकर, कोई प्रसव के समय अस्पताल में सुविधाओं की कमी पर रो पड़ी।
अब सरकार इन सुझावों को योजनाओं में तब्दील कर रही है। मीना देवी अब सिर्फ मतदाता नहीं हैं, बल्कि बदलाव की साझेदार हैं।
