बदलापुर शनिवार को ठहर सा गया,जिन गलियों में कभी दीपक पाठक की मुस्कान गूंजती थी, वहां अब मातम पसरा था। 34 वर्षीय एयर इंडिया के क्रू मेंबर दीपक पाठक का पार्थिव शरीर जैसे ही विशेष विमान से उनके घर पहुंचा, पूरा मोहल्ला एक हो गया। हर आंख में एक ही सवाल—"इतना हंसमुख लड़का यूं कैसे चला गया?"
12 जून को अहमदाबाद विमान हादसे में दीपक की मौत हुई, लेकिन डीएनए जांच में देरी के चलते आठ दिन तक उनका शव पहचान की प्रक्रिया में अटका रहा। शुक्रवार को जब पहचान की पुष्टि हुई, तो जैसे एक यातना का अंत हुआ। शनिवार को फूलों से सजे रथ में दीपक को अंतिम यात्रा पर ले जाया गया और मोहनानंद नगर के वैकुंठधाम में पंचतत्व में विलीन कर दिया गया। सैकड़ों लोग नम आंखों से विदाई देने पहुंचे—वो बेटा जो अब लौट कर कभी नहीं आएगा।
