हिमाचल प्रदेश में मानसून की दस्तक एक चेतावनी बनकर आई है। अब तक 34 लोगों की जान जा चुकी है और राज्य को 300 करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। पहाड़ों पर हो रही लगातार बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। सड़कों के जाल जाम हो चुके हैं, बिजली ट्रांसफॉर्मर फुंक चुके हैं और राहत का इंतजार करते ग्रामीणों की आंखें आसमान की ओर टिकी हैं। 'आपदा में अवसर' या केवल आश्वासन? कैबिनेट की मीटिंग में लिए गए फैसलों का इंतजार शनिवार को हुई कैबिनेट मीटिंग में राहत की बातें ज़रूर हुईं, पर अब तक जमीन पर उनका असर नहीं दिखता। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी का दावा है कि “राहत जल्द दी जाएगी”, लेकिन जिनका सबकुछ बह गया, उनके लिए ‘जल्द’ शब्द कितनी राहत देता है, यह शायद सत्ता में बैठे लोग नहीं समझते।
Himachal Pradesh:राष्ट्रीय आपदा की दस्तक: हिमाचल में बरसात ने छीनी 34 जिंदगियाँ, 300 करोड़ की क्षति
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