जबलपुर:पिंजरापोल गौशाला चैरिटेबल ट्रस्ट का खेल,कब जायेगें भूमाफिया जेल,शासन-प्रशासन फेल...?

जबलपुर विशेष...


पिंजरापोल गौशाला चैरिटेबल ट्रस्ट का खेल,कब जायेगें भूमाफिया जेल,शासन-प्रशासन फेल...?


ब्यूरो रिपोर्ट...


जबलपुर।।प्रदेश के मुखिया के द्वारा मध्यप्रदेश में भू-माफिया के खिलाफ सख्त अभियान चलाया जा रहा है,जिसमें शासन-प्रशासन लगातार ताबड़तोड़ कार्यवाही करने में लगा हुआ है। बावजूद इसके कुछ जगहों पर रसूखदारों की लंबी पहुंच के चलते शासन-प्रशासन की कार्यवाहियों में रोड़ा बने हुए हैं।

इसी तारतम्य में जन सुनवाई के दौरान जबलपुर कलेक्ट्रेट कार्यालय में एक मामला सामने आया,जहां शिकायतकर्ता नरेंद्र कुमार राकेशिया ने अपर कलेक्टर शेर सिंह मीणा को शिकायत पत्र को देते हुए बताया कि खसरा क्रमांक 268 भूमि जो की पिंजरापोल गौशाला चैरिटेबल ट्रस्ट के नाम से दर्ज है।

जिसे पिंजरापोल गौशाला चैरिटेबल ट्रस्ट के ट्रस्टियों ने दस्तावेज में हेरफेर कर पिंजरापोल एसोसिएट लिमिटेड के नाम से खसरा क्रमांक 268/1-268/2 दर्ज करा कर उस भूमि को रसूखदारो को बेच दी....

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पोलीपाथर स्थित पिंजरापोल गौशाला ट्रस्ट की भूमि लगभग 450 हेक्टेयर जिसका खसरा क्रमांक 26 /1,27,28,29/2 ,30/2,31,32/2 एवं 35/2,को कॉलोनी विकास के लिये ट्रस्टियों के द्वारा शपथ पत्र दिया गया था।कि उक्त भूमि को बेचकर,हम पिंजरापोल गौशाला ट्रस्ट की भूमि खसरा क्रमांक 268 मौजा सुभाष नगर रानीताल चौक पर कार्यालय निर्माण करना चाहते हैं जिस के लिये ट्रस्टियों ने प्रशासन से अनुमति मांगी थी।लेकिन वर्तमान में बेची गई उक्त भूमि पोली पाथर में सेंटअलाइसेंस स्कूल एवं आवासीय निर्माण कार्य हो चुका है।

लेकिन अभी तक रानीताल में पिंजरापोल गौशाला ट्रस्ट के कार्यालय का निर्माण कार्य नहीं हो पाया है,वर्तमान में राजस्व विभाग के शासकीय अधिकारी-कर्मचारी व ट्रस्टियों की मिलीभगत से ट्रस्ट का नाम बदलकर रानीताल चौक में शहर के बड़े रसूखदारों के द्वारा व्यावसायिक भवन निर्माण किया जा रहा है।
इसके अलावा पूर्व में पिंजरापोल गौशाला के ट्रस्टीयों ने कुंडम में गो अभ्यारण के लिए आरक्षित भूमि ग्राम दशरथपुर में 87,41 हेक्टेयर  ग्राम देहरी कला 27,35 हैक्टर ग्राम कोलमुहि 87,44 हैक्टर की भूमि अपने नाम दर्ज करा ली थी।जिसे अनुविभागीय अधिकारी कुंडम एवं पूर्व कलेक्टर महेश चंद चौधरी ने मुक्त कर पुनःशासकीय करण किया था।

वही समाज सेवक नरेंद्र कुमार राकेशिया ने शासन-प्रशासन से उक्त शासकीय भूमियों को भू- माफियाओं से मुक्त कराने के लिए शिकायत पत्र में कार्यवाही करने की मांग की और बताया कि इस शिकायत से मुझे मेरी जान को खतरा है और अगर शासन-प्रशासन मेरी शिकायत पर उचित कार्यवाही कर इंसाफ नहीं करते है।तो मैं जिला कलेक्टर के समक्ष आमरण अनशन पर बैठ कर हमारी धार्मिक और सांस्कृतिक गौ माता के अधिकारों की रक्षा के लिये लड़ता रहूंगा....

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