लैब तकनीशियन का कमाल,ग्रामीण क्षेत्रों में न जाने के लिये कर रहे हैं धमाल...
byEagle Editor-
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eaglenews24x7 विशेष....
लैब तकनीशियन का कमाल,ग्रामीण क्षेत्रों में न जाने के लिये कर रहे हैं धमाल...
ब्यूरो रिपोर्ट...
जबलपुर।।एक तरफ प्रदेश सरकार शहर व ग्रामीणों में स्वास्थ्य सेवाओं को देने के लिए नई- नई योजना ला रही है जिसमें शहर वासियों एवं ग्राम वासियों को सही समय पर सभी को स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ मिल सके।लेकिन बावजूद इसके जबलपुर के जिला चिकित्सालय के अंतर्गत आने वाले ग्रामीण अंचलों में बने स्वास्थ्य केंद्रों की बात ही अलग है जहां कुछ लैब तकनीशियनो की मूल पदस्थापना तो है पर वह अपनी जगह पर जाने से जी चुरा रहे हैं।क्योंकि गांव में रखा ही क्या है जब उन्हें बिना मांगे शहर में सबकुछ मिल जा रहा है।
अब सवाल यह उठता है जब ग्राम वासियों की जांचें सही समय पर नहीं होगी तो कैसे उन्हें स्वास्थ्य लाभ प्राप्त हो पाएगा...?
प्राप्त जानकारी के अनुसार दर्जन भर से अधिक लैब तकनीशियन ग्रामीण क्षेत्रों से दूर अलग- अलग कार्यालयों में अटैच है।अपना जोड़-जुगाड़ लगाकर ये कई वर्षों से शहरी क्षेत्रों में अंगद के पैर की तरह जमे हुए है और अपनी धौंस अपना रुआब दूसरे कर्मचारियों पर जता रहे है।ग्रामीण क्षेत्रों में जाने से बचने के लिए अपने मूल काम को छोड़कर कार्यालयों में अटैच होने के लिए नई-नई तिकड़मे लगा रहे है।
जब मध्यप्रदेश अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संगठन के जिला अध्यक्ष दिलीप सिंह ठाकुर से बातचीत की गई तो तब उन्होंने चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं के बारे में बताया कि आर टी आई लगाने पर कुछ जानकारियां प्राप्त हुई।जिसमें कुछ लैब तकनीशियन सिविल सर्जन कार्यालय में,कुछ विक्टोरिया हॉस्पिटल में तो कुछ एल्गिन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में अटैच है।जो कि तकरीबन एक दर्जन लैब तकनीशियन है,जिनकी मूल्य पदस्थापना कहीं की है और वे कहीं और सुविधाजनक स्थान पर अटैच होकर मौज कर रहे है एवं अपनी नेतागिरी को चमकाते हुये धौंस जमा रहे है।साथ ही मजबूत पकड़ और तगड़े जुगाड़मेन्ट का बखान करने से बाज भी नहीं आ रहे है।इसका दुष्परिणाम यह है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य चिकित्सा की व्यवस्था बेपटरी होकर भगवान भरोसे चल रही है।क्योंकि ग्रामीण क्षेत्रों के लैब तकनीशियन गाँव छोड़कर शहर में जमे है।इन ग्रामीण जनों को पैथोलॉजी की रिपोर्ट समय पर नहीं मिल पा रही है जिससे कि ग्रामीण जन समुचित इलाज से वंचित हो रहे है।
इसलिये चरमराई स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को पटरी में लाने के लिए मध्यप्रदेश अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संगठन ने अटैच मेन्ट को समाप्त कर एवं शहर के विभिन्न कार्यालयों में अटैच लैब तकनीशियन को उनके मूल कार्य स्थल पर भेजना की स्थानीय प्रशासन से मांग की है।