आखिर क्यों...?एक बेटी को करनी पड़ती है उसी के पिता से शादी,जानिए क्या है वजह..
विक्की झा।।बेटियां पापा की परी होती है, यह तो आप सभी ने सुना होगा,पर क्या कभी किसी बेटी को अपने ही पिता की पत्नी बनते देखा हैं।सूत्रों के अनुसार इस विश्व में एक ऐसी जगह भी है।जहां बेटियों को उनके ही पिता से शादी करना पड़ता हैं,अब आप सोच रहे होंगे आखिर यह कौन सी अजीबोगरीब कुप्रथा है,जिसे आज भी समाज के कई हिस्सों में बिना सवाल निभाया जाता है...?
सूत्रों की रिपोर्ट के अनुसार यह कुप्रथा बांग्लादेश के मंडी जनजाति में मनाई जाती है,सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश के मंडी जनजाति में रहने वाली और उस कुप्रथा का शिकार हो चुकी, महिला जिसका नाम ओरोला बताया जा रहा है, ओरोला ने समाज में फैली इस कुप्रथा पर से चुप्पी हटाते हुए विश्व के सामने ऐसी बात बताई, जिसने बाप बेटी के रिश्ते की अहमियत को ही बदल कर रख दिया।ओरोला ने बताया कि,जब वह बहुत छोटी थी तभी उनके पिता का दिल का दौरा पड़ने का कारण स्वर्गवास हो गया था। जिसके बाद उसकी मां की शादी नोटेन नाम के एक शख्स से बांग्लादेशी मंडी जनजाति की कुप्रथा के अनुसार कर दी गई थी।शुरुआत में तो ओरोला को ऐसा लगा मानो उसे उसके पिता मिल गए थे,और उससे काफी ज्यादा प्रेम भी किया करते थे।
पर जैसे-जैसे वक्त बीतता गया,ओरोला बड़ी होती गई।बड़े होने पर उसे जिस बात का पता चला,उस बात को सुनते ही उसके होश उड़ गए, उसे पता चला कि जिस व्यक्ति को वह इतने वर्षों से अपना पिता मान रही थी,आखिरकार वही उसका पति है।दरअसल बांग्लादेश के मंडी जनजाति में ऐसी कुप्रथा है कि जब भी वहां किसी विधवा लड़की की शादी अगर किसी दुसरे इंसान से होती है और अगर उस विधवा लड़की के पास एक पुत्री भी हो,तो उस पिता को उस विधवा औरतों के साथ-साथ उस पुत्री से भी शादी करनी पड़ती है,जिस कारण से वह विधवा औरत और उसकी बेटी दोनों की जिम्मेदारी बिना किसी सौतेलापन और भेदभाव के उठा सकें।
विश्वास नहीं होता ना,आज भी समाज में ऐसे कुप्रथाओं को स्थान मिला हुआ है,ऐसे विकृत मानसिकता का पूरे विश्व के विकास पर क्या प्रभाव पड़ेगा??