जेल अब यातना ग्रह नहीं सुधार गृह है कैसे जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर.....
जबलपुर।।खास बातचीत में जबलपुर केंद्रीय कारागार के जेलर मदन कमलेश ने बताया कि हम बंदियों के जीवन के सुधार हेतु प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के तहत प्रिंटिंग प्रेस,मूर्ति प्रशिक्षण,ड्राइविंग प्रशिक्षण एवं पेंटिंग प्रशिक्षण को कराते है प्रशिक्षित बंदियों के द्वारा इस बार गणेश चतुर्थी एवं नवरात्रि में गणेश जी एवं दुर्गा जी की प्रतिमा बनाई गई जो कि गोबर और मिट्टी से निर्मित थी जेल में जिन बंदियों का जेल रिकॉर्ड अच्छा है उनके लिए ओपन जेल का प्रावधान भी है जिसमें उनकी सजा के बचें हुये कुछ साल ओपन जेल के माध्यम से जेल प्रोटोकॉल के तहत वो बंदी जेल से बाहर जाकर अपने और अपने परिवार के लिये रोजमर्रा का कार्य करके कुछ धन अर्जित कर इकट्ठा कर सकें साथ ही फिलहाल जेल में सजायाफ्ता बंदी एवं विचाराधीन बंदीयो के लिए नियमित आने वाले समान जैसे नमकीन बिस्किट,टूथपेस्ट,साबुन इत्यादि को जेल नियमावली अनुसार 1000 मासिक तक का प्रति व्यक्ति चाहे वह बंदी हो या विचाराधीन बंदी ले सकते हैं जिसमें हर हफ्ते में प्रति व्यक्ति 250रुपए तक का सामान ले सकता है।
कभी लोग केंद्रीय कारागार को यातना जेल के नाम से जाना करते थे लेकिन अब जेल को सुधार ग्रह के नाम से लोग जानते हैं साल में 13 राष्ट्रीय पर्व आते हैं जिसमें सभी धर्मों के लिए विशेष प्रकार का व्यंजन पूरी,सब्जी,हलवा,खीर जेल विभाग के द्वारा सजायाफ्ता बंदी एवं विचाराधीन बंदी को दिए जाते हैं हर त्यौहारों में जैसे नवरात्रि का पर्व एवं रोजा के समय विशेष तौर से उपवास रहने वाले व रोजा अफ्तार के लिए विशेष व्यवस्थाएं जेल नियमानुसार से किया जाता है आखरी में जेलर मदन कमलेश ने बताया आज से कुछ समय पहले हमारे मीडिया बंधुओं के द्वारा गलत लेख लिखा गया था जिसमें यह उल्लेख था मेडिकल उपचार के समय जबलपुर जेल का बंदी है लेकिन वह बंदी किसी और जेल या थाना कस्टडी का है।