शासन से गायों को मिलने वाले पोस्टिक आहार से भर रहे भ्रष्ट अधिकारी अपने पेट...आखिर मामला क्या है आइए जाने हम...
यदि हम अपनी भारतीय संस्कृति को माने तो गाय को गौमाता कहा जाता है।
शासन के द्वारा इनके रख-रखाव के लिये सारी सुविधाएं दी जाती है लेकिन शासन के द्वारा नियुक्त अधिकारी उनके मिलने वाली सुविधाओं में अपना लाभ देखते हैं....
कैसे यह अधिकारी अपना लाभ देख रहे हैं आखिर क्या है यह पूरा मामला हम इस विषय को विस्तार-पूर्वक समझें....
जबलपुर।।जबलपुर में सड़क पर घूमने वाली गायों को नगर निगम द्वारा पकड़ कर शासन द्वारा बनाई गई गौशाला में रखा जाता है ताकि इनसे होने वाली सड़क दुर्घटनाओं से बचा जा सके लेकिन इन गौशालाओं की स्थिति बद से बदतर है।
दरअसल यह मामला रामपुर छापर स्थित बने छात्रावास के पास बनी गौशाला का है यहां पर गायों की हालत देखने से ही समझ आती है जो गायें बाहर एकदम हष्ट -पुष्ट नजर आती है यहां पर आने के बाद उनकी हालत में अचानक से गिरावट आ जाती है इसका सबसे बड़ा कारण है।
उनको मिलने वाली खान -पान की व्यवस्था मगर शासन द्वारा इनके खाने के लिए भूसे के साथ शुदाने की व्यवस्था की गई है ताकि गायों को अच्छा पोषित आहार मिल सके लेकिन नगर निगम के कुछ भ्रष्ट अधिकारियों के द्वारा इन गायों तक शुदाना पहुंच ही नहीं पाता।
आखिरकार यह चिंता का विषय है कि शुदाना जाता किधर है...?
इस तस्वीर में साफ नजर आ रहा है भूसा के साथ शुदाना नही है सिर्फ भूसा है पोस्टिक आहार के रूप में....
हमारी गौमाता सुखा भूसा खाने को मजबूर है इस ओर न किसी नेता का ध्यान और न ही किसी प्रशासनिक अधिकारी का है सिर्फ ओर सिर्फ कहा जाये तो बीच में बैठे बिचौलियों ने गायों को मिलने वाले भोजन से अपना पेट भर रहे है।
अगर इन्हें गौशाला न कहकर गायों की जेल कहा जाए तो वो एकदम सही है।