पीड़ित ही को नहीं मालूम की उनकी जमीन में चढ़ गया किसी का नाम कैसे ? जानने के लिये पढ़े पूरी खबर...

विशेष खबर....


पीड़ित ही को नहीं मालूम की उनकी जमीन में चढ़ गया किसी का नाम......


सदियों से चली आ रही परम्परा के अनुसार हमेशा गरीबों को अमीरो से परेशान होना पड़ता है।


आखिर क्यों शासन-प्रशासन इन गरीबो की आवाज नही सुनता...?

महज कुछ समय पूर्व परेशान पीड़ित ने अपनी शिकायत जिला पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर को दी कि किस तरह से उनकी भूमि पर दबंगों के द्वारा गलत तरीक़े से अपना नाम करवा लिया गया।

जबलपुर।।जबलपुर से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर पाटन थानांतर्गत पर ग्राम छत्तरपुर है इस गांव में कई वर्षों से जमीन को पीड़ित रोहन सिह(जाति लड़ियां)के द्वारा अपना और अपने परिवार का गुजर-बसर करने के लिये लगातार खेती करता आ रहा है एवं इस जमीन पर पीड़ित सहपरिवार रहता है।

लेकिन कुछ समय पूर्व रितेश शर्मा एवं अवध बिहारी गौतम जबलपुर निवासी ने फर्जी विक्रय पत्र तैयार कर जिसका प.ह.नं.64 खसरा नं.120 रकवा 1.36 हेक्टेयर है इस जमीन पर गलत तरीको से अपना नाम चड़वा लिया है,जब इस विषय मे विस्तारपूर्वक रोहन सिह से eaglenews24x7 के द्वारा पूछा तब पीड़ित के द्वारा पूरा हाल बयां हुआ उसने जमीन के विषय में बताया कि वो कई वर्षों से खेती करता चला आ रहा है और पीड़ित सहपरिवार भी रहता है।

पीड़ित ने यह भी बताया कि सन 2006 में क्षेत्रीय ग्रामीण महाकौशल बैंक शाखा पाटन एवं 2008में जिला सहकारी कृषि और ग्रामीण विकास बैंक मर्यादित शाखा पाटन से लोन लिया था कृषि कार्य के लिये वो जमीन आज तक बंधक बैंक के पास है फिर रोहन सिह ने बताया मुझे तब मालूम पड़ा मेरे खेत में सन 2015-16 मे पावर ग्रिड कंपनी हाईटेंशन लाइन का शिविर लगा हुआ था उस कंपनी से मुझे मुआवजा मिलना था लेकिन मुझे वर्तमान का खसरा की जरूरत थी।जब में पाटन तहसील खसरा निकलवाने गया उस जमीन के खसरे पर रितेश शर्मा और अवधबिहारी गौतम का नाम था इसके पश्चात मैने पाटन तहसील में आवेदन दिया और मैंने लगभग ढाई से तीन साल अनुविभागीय दंडाधिकारी पाटन में अपनी जमीन के प्रकरण को लड़ा जिसमें मुझें सन 2017-18 में अनुविभागीय दंडाधिकारी के द्वारा मेरे पक्ष पर फैसला कर मेरी जमीन को मेरे नाम पर परिवर्तित कर दिया गया।फिर सन 2017-18 से लगातार मेरा नाम मार्च 25 सन 2021खसरा पर रहा लेकिन अचानक कैसे 26मार्च 21 को वह नाम दबंगो के नाम पर चढ़ गया इस बात का पीड़ित को तब मालूम पड़ा जब पीडित की जमीन का सरकारी नाप होना था।तब इसकी आपत्ति रोहन सिह(पीड़ित)पाटन तहसीलदार के पास लगाई थी पाटन तहसील में उचित न्याय न मिलने पर पीडित ने जबलपुर पुलिस अधीक्षक एवं कलेक्टर के पास आवेदन दिया और गुहार लगाई और कहा मान्यवर आपके द्वारा उचित कार्यवाही कर मुझें न्याय दिलाया जाये....

जबलपुर कलेक्टर ने इस प्रकरण को सुना और समझा फिर मार्क कर अनुविभागीय दंडाधिकारी पाटन को भेजा।

विशेष बात रितेश शर्मा व अवधबिहारी गौतम ने फर्जी विक्रय पत्र जो तैयार किया है उसमें रोहन सिह की जाति सामान्य लेख की गई है।

जबकि रोहन सिह की असल मे जाति प्रमाण पत्र के अनुसार जाति अनुसूचित जाति है....?

यह अति चिंताजनक का विषय है,कि कैसे रोहन सिह को सामान्य जाति बना दिया गया....

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