संक्रमित मरीजो का उपचार कर दे रहे मानवता का परिचय,जानने के लिये पढ़े पूरी खबर....

धरती के भगवान खुद है कोरोना संक्रमित फिर भी दे रहे सेवाएं....


संक्रमित मरीजो का उपचार कर दे रहे मानवता का परिचय...

रीवा:-मऊगंज सिविल अस्पताल में पदस्थ ब्लॉक मेडिकल ऑफिसर डॉ.पंकज सिंह गहरवार ने इस संकटकाल के दौरान विपरीत परिस्थितियों में कार्य करते हुए अपने घरवालों से दूर रहकर कोविड मरीजों के इलाज का जिम्मा उठाया है।जिसके लिए वह विगत 10 दिनों से अपने घर वालों से दूरी बनाए हुए हैं तथा उनके छोटे-छोटे बच्चे भी उनकी राह ताक रहे हैं ऐसे में डॉ पंकज सिंह ने फर्ज को प्राथमिकता देते हुए मरीजों के इलाज करना जरूरी समझा है।


धरती में चिकित्सकों को भगवान का रूप माना जाता है ऐसे में कोरोना महमारी से लडऩे के लिए एक चिकित्सक अपना दर्द भुलाकर कोविड मरीजों का इलाज कर रहे है।परिवार को इस महामारी से बचाने के लिए खुद को उनसे अलग कर जीवंत मिसाल पेश की है।दरअसल मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ बीएमओ डॉ.पंकज सिंह गहरवार ने मरीजों का उपचार करने के लिए अपना घर भी छोड़ दिया है।


बताया जा रहा है कि मऊगंज सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में कोविड मरीजों का उपचार करने के लिए दस बेड निर्धारित किये गये है जिसमें वर्तमान समय में दस मरीज अपना इलाज करवा रहे है।


डॉक्टरों की माने तो कोविड मरीजों का इलाज करने से डॉ पंकज सिंह की पत्नी की तबियत भी खराब हो गई थी जांच करवाने पर उनकी पत्नी की रिपोर्ट भी पाजटिव आई है जिसके कारण अब परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए उन्होंने परिवार से दूरियां बना ली है।पत्नी व बच्चों को गांव सरई पलिया भेज दिया है ताकि उनकी वजह से परिवार के सदस्यों को संक्रमण न हो तथा उन्होंने खुद को परिवार से अलग कर लिया है और अब दूसरे स्थान पर अकेले रहते है।डॉ पंकज सिंह गहरवार प्रतिदिन कोविड के अलावा सामान्य मरीजों का भी उपचार करते है यहां तक कि उनका खुद का स्वास्थ्य कुछ दिनों से खराब है और सुबह व शाम उनको बुखार आती है लेकिन अपना दर्द भुलाकर वे पीपीई किट पहनकर मरीजों का उपचार कर रहे है अभी तक 16 मरीज अस्पताल से स्वस्थ्य होकर अपने घर वापस जा चुके है।


चिकित्सक पंकज सिंह ने अपने परिवार के सदस्यों को संक्रमण से बचाने के लिए खुद को अलग कर लिया है वे पुराने घर में अकेले रहते है जहां कोई भी परिवार का सदस्य नहीं आता है।घर वाले उनको बाहर ही खाना रखकर चले जाते है जिसे खाने के बाद वे फिर कर्तव्य पथ पर चल देते है यदि परिवार के सदस्यों से बात करना आवश्यक होता है तो वे फोन पर ही बात कर लेते है।


चिकित्सक पंकज सिंह गहरवार के दो बच्चे है जो परिवार के साथ गांव में रहते है।जब भी वे घर पहुंचते है तो बच्चे उनसे मिलने के लिए दौड़ आते है लेकिन कोरोना ने उनके बीच दूरिया बना ली है पिछले कई दिनों से उन्होंने बच्चे को गले से नहीं लगाया है और उनको अपने से दूर ही रखते है।


डॉ पंकज सिंह गहरवार का कहना है कि संकट की इस घड़ी में मरीजों का इलाज करने के साथ परिवार को भी इस संक्रमण से बचाने की जिम्मेदारी है।मरीजों का इलाज करने की वजह से हमने परिवार से खुद को अलग कर लिया है ताकि हमारी वजह से परिवार के सदस्य संक्रमित न हो वही डॉक्टर ने लोगों से भी अपील की है कि सभी लोग इस महामारी से बचने का प्रयास करें और अनावश्यक घरों से निकलकर इसकी चपेट में न आए।

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