अंतिम संस्कार के लिए भी नगर निगम एवं श्मशान घाट कर्मचारी कर रहे अवैध वसूली,
कोरोनावायरस का कहर मौत बनकर टूट पड़ा है.......
ऐसी तस्वीरें ऐसे वीडियो जिन्हें देखकर दिल दहल रहा है,यह तस्वीरें दिखाकर हमारा उद्देश्य आप कोडराना नहीं है।बल्कि सतर्क करना है आप सतर्क हो जाइए और अब अपनी जिंदगी की परवाह कर लीजिए।
कोविड-19 लाशों के संस्कार के लिए जिले में चौहानी श्मशान घाट को अधिकृत किया गया है।
चौहानी श्मशान घाट पर लाशों को जलाने के लिए घंटों इंतजार....
चौहानी श्मशान घाट पर लाशों को जलाने के लिए घंटों इंतजार....
हमारे कैमरामैन और रिपोर्टर अपनी जान जोखिम में डालकर यहां पहुंचे थे जो भी उन्होंने यहां देखा,उसे कैमरे में रिकॉर्ड कर लिया,क्योंकि यहां के दृश्य देखकर उनके भी पसीने छूटने लगे थे।
कोरोना संक्रमण की वजह से जिन लोगों की मौत हो रही है।उनके शव पन्नी में पैक करके शव वाहन में कीड़े मकोड़ों की तरह एक के ऊपर रखे जा रहे हैं।
अंतिम संस्कार का आलम यह है लोगों को अपने परिजनों के अंतिम संस्कार के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है।चौहानी श्मशान घाट के रजिस्टर,मरने वालों की दास्तां बयां कर रहे हैं और सरकारी आंकड़ों की सच्चाई से भी पर्दा उठा रहे है।
चौहानी श्मशान घाट में प्रतिदिन पॉजिटिव मरने वालों के 30 से 40 लाशों का अंतिम संस्कार हो रहा है,सरकारी आंकड़े 5 और 7 के आंकड़े से आगे नहीं बढ़ रहे हैं।मरने वालों की गलत जानकारी दी जा रही है।
आप कल्पना कीजिए जब लाशों के अंतिम संस्कार के लिए भी लाइन लगाकर इंतजार करना पड़ता है,तो वहां किस प्रकार के हालात होगे।लाशे जल रही है और लोग अपने परिजन की लाश लेकर बैठे हैं कि उनकी पारी आए और वह अपने परिजन का अंतिम संस्कार करें।
हमारा चैनल आपसे अपील कर रहा है अपना ख्याल रखें सुरक्षित रहें।क्योंकि स्थिति बेकाबू हो चुकी है।प्रशासन और सरकार के हाथ में कुछ भी नहीं रहा है।एक ऐसी महामारी ने सभी को जकड़ लिया है जिसका कोई इलाज नहीं है।
अस्पतालों में बैड खत्म हो चुके हैं ऑक्सीजन सिलेंडर मिल नहीं रहे।जिसकी वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ रही है।सबसे शर्मनाक बात सामने आई है।मरने वालों के अंतिम संस्कार के लिए यहां ₹2500 वसूल किए जा रहे हैं। ₹100 अतिरिक्त मृतकों के परिजनों से चाय पानी के लिए मांगा जा रहा है जब इस संबंध में हमारे संवाददाता मौजूद नगर निगम और श्मशान घाट के जिम्मेदारों से बात की तो वह लड़ने पर उतारू हो गए।उनका कहना था उनसे जो काम किया जा रहा है।उसका पैसा भी सरकार उन्हें नहीं दे रही है और सरकार खुद झूठे आंकड़े मरने वालों की पेश कर रही है।वह यहां दिनभर 45 से 50 लोगों से ज्यादा अंतिम संस्कार करते हैं और रजिस्टर मरने वालों का इतिहास बता रहे हैं ऐसा उनका कहना था,जो भी रेट निर्धारित किया गया है उसी के मुताबिक पैसा लिया जा रहा है।
अतिरिक्त पैसा वह अपने खर्च के लिए मांगते हैं। चौहानी श्मशान घाट आलम देख कर लग रहा है यहां के लोगों और प्रशासन के जिम्मेदारों के लिए मौत की अवसर बन गया है सभी उसका फायदा उठा रहे हैं।