छत्तीसगढ़ से बड़ी खबर सामने आई है जिसमें कुछ इलाके जो कि नक्सलवाद क्षेत्र से लगे हुये हैं।
कब खत्म होगा नक्सलवाद ?
हमेशा मुठभेड़ के समय नक्सलवाद और जवानों के बीच तनातनी के चलते हुए कुछ लोग शहीद होते हैं तो कुछ लोग मारे जाते हैं आखिर कब तक यह सिलसिला जारी रहेगा।
छत्तीसगढ़ से लगे हुए बहुत से इलाके से नक्सलवाद क्षेत्र लगे हुए हैं जिसमें आए दिन पुलिस और नक्सलवाद के बीच मुठभेड़ होती है।
ऐसा ही एक मामला सामने आया:-
बीजापुर और सुकमा जिले की सीमा से निकटवर्ती नक्सलवाद क्षेत्र में शनिवार के समय नक्सलियों से सुरक्षाबलों के जवानों की मुठभेड़ में 5 जवान शहीद हो गए पुलिस सूत्रों के बताए अनुसार एनकाउंटर के बाद 15 जवान लापता 5 में से 2 जवानों के शव प्राप्त हुए।
वही बीजापुर स्थित जिला चिकित्सालय में पुलिस सूत्रों के अनुसार घायल हुए 23 जवानो को इलाज के लिए भर्ती कराया गया,एवं 7 जवानों को राजधानी रायपुर के हॉस्पिटल में भेजा गया।
नक्सल विरोधी अभियान के पुलिस उप निरीक्षक ओ पी पाल के बताए अनुसार शुक्रवार की रात को सुकमा एवं बीजापुर जिले में कोबरा बटालियन केंद्रीय रिजर्व बल की एसटीएफ एवं डीआरजी की टीम नक्सल विरोधी अभियान में भेजी गई,जिसमे लगभग 2000 जवान शामिल थे,जो कि सुकमा जिले से मिनपा एवं नरसापुराम और बीजापुर के तरमेर,उसूर एवं पामेड़ से एकत्रित हुए थे।
मुठभेड़ लगभग शनिवार के दिन दोपहर 12:00 बजे से 3:00 बजे तक चली। यह मुठभेड़ बीजापुर और सुकमा से लगे जगरगुंडा थाना क्षेत्र अंतर्गत जोनागुड़ा गांव में नक्सलियों से पीएलजीए और सुरक्षाबलों के बीच लगातार मुठभेड़ चलती रही।
उस मुठभेड़ में एक महिला नक्सली का सभी बरामद किया गया पुलिस अधिकारी के बताए अनुसार।
नक्सलियों के द्वारा 23 मार्च के समय बस में सवार डीआरजी के जवानो को नारायणपुर जिले स्थित एक सुरंग में बारूद लगाकर नक्सलियों के द्वारा विस्फोट कर बस को उड़ा दिया जिसमें 5 जवान शहीद हुए।
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