मां नर्मदा गौ रक्षा संकल्प के साथ होगी सत्याग्रह पद यात्रा।
हजारों नर्मदा पुत्र भक्त प्रेमी होंगे शामिल।
18फरवरी देश दुनिया की अनूठी संस्कार काँवड़ यात्रा की तर्ज पर होगी सत्याग्रह पद यात्रा।
समर्थ सदगुरु भैयाजी सरकार के सानिध्य में 18 फरवरी को माँ नर्मदा के संरक्षण के लिये सत्याग्रह महापद यात्रा में शामिल होंगे हजारों भक्त प्रेमी।
नर्मदान्चल के 2000 ग्रामों में बसंत पंचमी पर नर्मदा कलश की स्थापना।
7 राज्यों,मध्यप्रदेश के 35 जिलों एवं 150 से अधिक सामाजिक धार्मिक संगठन मंडल संस्थाएँ होंगी शामिल।
पूरे यात्रा मार्ग में लगेंगे सैकड़ों स्वागत मंच:-
जबलपुर:-नर्मदा गौ सत्याग्रह जन आंदोलन महाअभियान के मार्गदर्शक, प्रेरणास्रोत समर्थ सद्गुरु भैयाजी सरकार के अन्न आहार फलाहार का परित्याग कर केवल नर्मदा जल पर माँ नर्मदा और गौ माता के संरक्षण सम्वर्धन के लिये 4 माह पूर्ण होने पर अब सत्याग्रह आंदोलन को और तीव्र करने के लिये मां नर्मदा जन्मोत्सव पर नर्मदा मिशन व अनेक सामाजिक,धार्मिक संस्थाएं, समितियां सामूहिक सत्याग्रह पद यात्रा कर नर्मदा गौ रक्षा संदेश देंगी।
आज प्रेस वार्ता में बताया गया कि सत्याग्रह जन आंदोलन को तीव्र करने के लिये नर्मदा जयन्ती 18 फरवरी को शिव कन्या माँ नर्मदा के संरक्षण सम्वर्धन शुद्धिकरण के लिये शासन प्रशासन जबाबदार जिम्मेदारों को जगाने के पवित्र उद्देश्य को लेकर हजारों भक्त प्रेमी देश दुनिया की अनूठी विश्व कीर्तिमान संस्कार काँवड यात्रा की तर्ज पर सत्याग्रह पद यात्रा हजारों नर्मदा भक्त प्रेमियों के साथ कैलाश धाम रांझी से प्रातः 7 बजे सिद्ध घाट ग्वारी घाट तीर्थ क्षेत्र तक आयोजित होगी।
32 किमी की इस पैदल यात्रा में नर्मदांचल के सभी जिलों सहित मध्य प्रदेश के लगभग 35 जिलों के भक्त सम्मिलित होंगे।
सम्पूर्ण भारत के विभिन्न भागों से समर्थ सद्गुरु नर्मदा मिशन परिवार के 7 राज्यों के भक्त भी सम्मिलित होंगे।संस्कारधानी जबलपुर की 150 से भी अधिक सामजिक धार्मिक संस्थाएं और समितियां सत्याग्रह पद यात्रा में सम्मिलत होकर माँ नर्मदा और गौ माता के संरक्षण सम्वर्धन का संदेश देंगी।
समर्थ सद्गुरु भैयाजी सरकार के आह्वान पर सभी धर्म,पंथ,सम्प्रदाय राजनैतिक दलों के लोग बड़ी संख्या में शामिल होकर सत्याग्रह संदेश देंगे।
माँ नर्मदा के संरक्षण पर हो रही लापरवाही और सन्त भैयाजी सरकार के अन्न त्यागने के बावजूद कोई कार्यवाही न होने से जबलपुर ही नहीं अमरकंटक,अनूपपुर,शहडोल उमरिया,मंडला,डिंडोरी,नरसिंहपुर,करेली, गाडरवाड़ा,होशंगाबाद,हरदा,खंडवा, खरगौन,पातालकोट,छिंदवाड़ा,सिवनी,बैतूल,भोपाल,रायसेन, विदिशा,बरेली विदिशा,इंदौर आदि अनेक जिलों प्रांतों स्थलों व सम्पूर्ण नर्मदा पथ पर नर्मदा गौ भक्त अत्यन्त आवेशित हैं सम्पूर्ण नर्मदान्चल के लगभग 2000 गावों ने नर्मदा संरक्षण का संदेश देने के उद्देश्य से 16 फरवरी,बसंत पंचमी को घर घर ग्राम नगर में नर्मदा कलश स्थापित हो रहे।
क्या है मामला ?