पत्रकार पर हुए हमले के आरोपियों के गिरफ्तार न होने पर रोष।
आखिर क्या राज छुपा है अस्पताल के सी.सी.टी.वी कैमरों मे ?
प्रदेश में पत्रकारों पर हो रहे हमले चिंतनीय हैं,इन हमलों में ज्यादातर मामलों में कार्यवाही ना के बराबर हुई है।या यूं कहें प्रदेश में पत्रकार असुरक्षित हैं।
जबलपुर ज्ञात हो कि 25 दिसंबर की रात पत्रकार मोहम्मद अनवर बाबू को अचानक सीने में दर्द की शिकायत के चलते उनके परिजन उन्हें लेकर उखरी रोड स्थित गैलेक्सी अस्पताल ईलाज करवाने के लिए लेकर गए थे।जहां पत्रकार अनवर बाबू और उनके परिजनों के साथ अस्पताल के बाउंसरों द्वारा लाठी डंडों और लात घुसो से जमकर मारपीट की गई थी ।
गैलेक्सी हॉस्पिटल में पत्रकार अनवर बाबू पर हुए हमले को लेकर शायद यही समझ में आता है।घटनाक्रम के कई दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई।जबकि घटना का चश्मदीद सीसीटीवी मैं दर्ज फुटेज है,थाना लार्डगंज पुलिस ने मामला तो दर्ज कर लिया।
घटना की जानकारी लगते ही मौके पर पहुँची पुलिस साइबर सेल की टीम।
यूं कहें कि संज्ञान में नहीं किया पुलिस की इस हीलाहवाली को देखते हुए,पत्रकारों ने पुलिस अधीक्षक व सी.एच.एम.ओ से संपर्क किया।
जहां एक ओर पुलिस अधीक्षक ने कार्रवाई कराने के लिए आश्वासन दिया।वहीं सी.एच.एम.ओ ने घटना से अनभिज्ञता जताई व जांच कराने को कहा बरहाल जो भी हो पत्रकार पर हुए हमले के आरोपियों पर कार्रवाई ना होना,किसी ना किसी संरक्षक कार्रवाई की ओर इंगित करता है।
मौके पर पहुंची लार्डगंज पुलिस ने डीवीआर जप्त कर आरोपियों के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मामले दर्ज किए थे।
लार्डगंज पुलिस पर उठ रहे कई सवाल?
गैलेक्सी अस्पताल के सी.सी.टी.वी कैमरों में ऐसा क्या छुपा है,जो पुलिस को घटना के चार दिन बीत जाने पर भी अस्पताल प्रबंधन के खिलाफ कार्यवाही न करने को मजबूर कर रहा है ?
जिस पर पत्रकार संगठनों ने रोष व्यक्त किया है।
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