जबलपुर। शक्ति की भक्ति का महापर्व नवरात्र १७ अक्टूबर से प्रारंभ हो रहा है। इस बार तिथि का क्षय न होने पूरे नौ दिन भगवती की उपासना होगी। २५ अक्टूबर को नवमीं की पूजा और २६ अक्टूबर को दशहरा पर्व मनाया जाएगा। देवी भगवती पुराण के अनुसार अबकी बार माता घोड़े पर सवार होकर आ रही हैं। जो राजनैतिक उथल-पुथल व उन्नत कृषि का सूचक है। इसी के साथ ही सर्वाथ सिद्धि योग, अमृत सिद्धि योग, द्विपुष्कर नामक शुभ योग बन रहा है। जो देवी भक्तों के लिए शुभ फलकारी रहेगा।
भगवती की आराधना के इस नौ दिनी महापर्व के प्रथम दिन बैठकी पर देवी देवालयों मंडपों में घट स्थापना के साथ जवारे बोये जाएंगे। पूरे नौ दिन तक मां जगदंबे की आराधना भक्त अपनी शक्ति अनुसार करेंगे। इस दौरान शहर भर के देवी मंदिरों को जगमग रोशनी से सजाया गया है। आज बैठकी पर ब्रम्ह मुहुर्त से ही देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ेगी। घर मंदिरों तथा दुर्गा पंडालों में पूजा पाठ घट स्थापना के साथ साधना, भक्ति का उजास चौतरफा फैलेगा। इसी के साथ ही व्रत उपवास का क्रम भी प्रारंभ होगा, जो पूरे नौ दिनों तक चलेगा।
मंदिरों में उमड़ेगी श्रद्धा और भक्ति............
नगर के शक्ति पीठों बड़ी खेरमाई मंदिर, भानतलैया, बूढ़ी खेरमाई, चारखंभा, काली मंदिर सदर, शारदा मंदिर मदनमहल, छोटी खेरमाई दीक्षितपुरा, खेरमाई मंदिर मानस भवन के पीछे, दुर्गा मंदिर गलगला, हरदौल मंदिर गंजीपुरा, बंगलामुखी शक्तिपीठ सिविक सेंटर के अलावा शहर के अन्य दुर्गा मंदिरों में तैयारियां की गई है। इस साल कोरोना काल को लेकर लोगों मे दहशत है। मंदिरों में भीड़ जमा न हो लिहाजा जिला प्रशासन ने मंदिरों के ऑनलाईन दर्शन की व्यवस्था की हैं।
प्रथम दिन, मां शैल पुत्री का पूजन.........
नवरात्र के प्रथम दिन भगवती शैलपुत्री के पूजन का विशेष महत्व है। आज के दिन दो वर्ष की कन्या को आमंत्रित कर उनका पूजन किया जाता है। उन्हें मिष्ठान, वस्त्र भेंट किए जाते हैं। आज के दिन असाध्य रोगों की मुक्ति के लिए भगवती का पूजन अवश्य करना चाहिए।