मुख्यमंत्री ने हाईकोर्ट के फैसले पर उठाए सवाल, देश के एकहिस्से में रैलियां और सभाएं तो मप्र में क्यों नहीं...।


भोपाल । मध्यप्रदेश के उपचुनाव में ग्वालियर-चंबल में सभाओं और रैलियों के लिए चुनाव आयोग से इजाजत लेने के हाईकोर्ट के आदेश से राजनैतिक दल मुश्किल में पड़ गए हैं। हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ भाजपा ने सुप्रीम कोर्ट जाने की तैयारी कर ली है। एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा- हम माननीय न्यायालय का सम्मान करते हैं, लेकिन इस फैसले के संबंध में सुप्रीम कोर्ट जा रहे हैं।कोर्ट के आदेश के बाद शिवराज ने गुरुवार को अशोकनगर के शाडोरा और भांडेर में बराच की सभाएं निरस्त कर दीं और वहां के लोगों से माफी मांगी। शिवराज ने कहा कि मध्यप्रदेश के एक हिस्से में रैली और सभा हो सकती है और दूसरे हिस्से में नहीं हो सकती। बिहार में सभाएं हों रही हैं, रैलियां हो रही हैं, लेकिन मध्यप्रदेश के एक हिस्से में सभाएं नहीं हो सकती। हमें विश्वास है कि सुप्रीम कोर्ट में न्याय मिलेगा।

हमें अदालत पर भरोसा: तोमर
इधर, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने चुनाव आयोग के नियमों को लेकर कहा कि भाजपा चुनाव आयोग और न्यायालय में भरोसा करने वाली पार्टी है। कोविड-19 को देखते हुए चुनाव आयोग ने जो फैसला किया है, सभी को उसका पालन करना चाहिए।

बिहार में सभाएं, यहां प्रतिबंध क्यों
मप्र के एक हिस्से में रैली व सभा हो सकती है, दूसरे हिस्से में नहीं हो सकती। बिहार में सभाएं हों रही हैं, रैलियां हो रही हैं। लेकिन मध्यप्रदेश के एक हिस्से में सभाएं नहीं हो सकती। इस फैसले के संबंध में हम न्याय की प्राप्ति के लिए सर्वोच्च न्यायालय जा रहे हैं, हमें विश्वास है कि न्याय मिलेगा। चौहान ने कहा कि दोनों स्थानों के भाई-बहनों से क्षमाप्रार्थी हूं, जल्दी आऊंगा और सभा को संबोधित करूंगा।

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