जबलपुर, वेटरनरी विवि कैम्पस में रहने वाले टेक्नीशियन विनीत बैरागी रोज की तरह रविवार की सुबह भी 6 बजे उठे और वॉक के लिए जैसे ही वे घर से निकलकर ग्राउण्ड की तरफ जाने लगे तभी एक टीन के शेड पर किसी भारी चीज के गिरने की आवाज उन्हें सुनाई पड़ी। आवाज आने के साथ विनीत ने जैसे ही ऊपर की तरफ देखा तो उनके सामने एक तेंदुआ खड़ा हुआ था। दहशत में विनीत तत्काल घर की तरफ दौड़कर भागे और तेंदुआ सर्किट हाउस से लगी बिल्डिंग में चला गया।
घबराए विनीत ने कैम्पस में रहने वालों को घटना की जानकारी दी, जिसके बाद वन विभाग में सूचना पहुँची और वन्य प्राणी रेस्क्यू टीम मौके पर पहुँच गई। विनीत की निशानदेही पर रेस्क्यू टीम ने चप्पे-चप्पे में तलाशी शुरू की और कॉलोनी में रहने वालों को सावधान करना शुरू कर दिया। तेंदुए की खबर फैलते ही वेटरनरी कैम्पस के कॉलोनीवासी दहशत में आ गए और उन्होंने सुरक्षा के इंतजाम शुरू कर दिए।
नहीं मिले पगमार्क, कुत्ते झुण्ड में दिखे
वन विभाग के कर्मचारियों ने तेंदुए की मौजूदगी के लिए वेटरनरी ग्राउण्ड से लेकर कैम्पस की हर जगह पर पगमार्क तलाश किए लेकिन कहीं कोई निशान नहीं मिला। जिसके कारण ऐसा लगा कि विनीत को कोई भ्रम हुआ है, लेकिन कुछ देर बाद कैम्पस के अंदर मौजूद आवारा कुत्ते झुण्ड में घूमते नजर आए और अजीबो-गरीब हरकतें करते दिखे। जिससे तेंदुए के मूवमेंट होने के संकेत मिले, हालाँकि जिस बिल्डिंग में तेंदुए के छिपने की आशंका थी, वहाँ भी कई बार सर्चिंग ली गई, लेकिन कोई सफलता नहीं मिली।
रात में जारी रही पेट्रोलिंग
वन विभाग की टीम सुबह से लेकर रात तक रेस्क्यू में जुटी रही, अँधेरा होने के बाद सर्च लाइटें लेकर रेस्क्यू टीम के सदस्य पेट्रोलिंग करते रहे। इधर वेटरनरी कैम्पस से लगी पीडब्ल्यूडी और आर्मी कॉलोनी में भी दहशत का माहौल रहा, सर्किट हाउस एक व दो दोनों जगहों के कर्मचारियों को भी सावधानी बरतने के निर्देश दिए गए हैं। वन विभाग का अनुमान है कि जिस तेंदुए की वेटरनरी में दिखने की बात हो रही है वह डुमना से यूनिवर्सिटी होते हुए आर्मी एरिया से वेटरनरी कैम्पस तक पहुँचा होगा।
रहवासी एरिया में तेंदुओं का मूवमेंट बढ़ा
जबलपुर के आसपास के जंगलों में तेंदुओं की संख्या काफी है। डुमना के ट्रिपल आईटीडीएम और खमरिया की बात छोड़ दी जाए तो पिछले दो साल में शहर के रहवासी इलाकों में तेंदुओं का मूवमेंट तेजी से बढ़ा है। विगत वर्ष ठाकुरताल की पहाड़ी पर आकर बसे तेंदुए के कुनबे की वजह से आज तक नयागाँव सोसायटी के लोग दहशत में हैं। लेकिन अब वेटरनरी कैम्पस में तेंदुए का पहुँचना खतरनाक माना जा रहा है। वन विभाग ने कई बाद हर स्तर पर प्रयास किए लेकिन आज तक एक भी तेंदुआ नहीं पकड़ा जा सका। कुछ माह पूर्व छेवला गाँव में शिकारियों द्वारा बिछाए गए फंदों में एक तेंदुआ फँस गया था, जिसकी इलाज के दौरान मौत हो गई थी।