हाईकोर्ट का सख्त वार:आदेश की अवहेलना पर प्रमुख सचिव और परिवहन आयुक्त कटघरे में,जवाब तलब...
जबलपुर।मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने परिवहन विभाग की लापरवाही पर सीधा डंडा चला दिया है,अदालत ने प्रमुख सचिव और परिवहन आयुक्त दोनों को अवमानना का नोटिस जारी कर दिया है।कोर्ट का साफ संदेश है—“आदेश की अनदेखी अब बर्दाश्त नहीं होगी।”बस परमिट से शुरू हुआ मामला,पहुंचा कोर्ट की कड़ाई तक
जबलपुर निवासी नरेंद्र नाथ त्रिपाठी महीनों से यात्री बस संचालन के लिए परमिट के लिए दर-दर भटकते रहे।
•विभाग ने न जवाब दिया,न कार्रवाई की।
•मजबूर होकर उन्होंने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
•25 सितंबर 2024 को कोर्ट ने आदेश दिया था कि 45 दिनों के भीतर आवेदन पर फैसला कर परमिट जारी किया जाए।
आदेश का पालन नहीं,कोर्ट ने दिखाई नाराज़गी
•विभाग ने तय समयसीमा में कोर्ट का आदेश मानना जरूरी नहीं समझा।
•इससे नाराज होकर हाईकोर्ट ने अवमानना याचिका पर सुनवाई की।
•कोर्ट ने प्रमुख सचिव और परिवहन आयुक्त दोनों को 6 हफ्ते में जवाब देने का अल्टीमेटम दिया है।
•जानकारों का कहना है कि अगर अब भी आदेश की अनदेखी हुई,तो अधिकारियों पर कड़ी सज़ा हो सकती है।
प्रशासन की साख दांव पर
कानूनी हलकों में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है,सवाल यह है कि क्या अधिकारी हाईकोर्ट के आदेशों को हल्के में ले रहे हैं?
जनता अब अगली सुनवाई पर टकटकी लगाए बैठी है,क्योंकि यह फैसला न सिर्फ एक बस परमिट,बल्कि प्रशासन की जवाबदेही तय करने वाला है।
