जबलपुर का शर्मनाक सच:मुनाफे की भूख में मरीजों की जान से खेलता ‘हॉस्पिटल माफिया’...
जबलपुर।यह खबर सिर्फ एक अस्पताल की नहीं, बल्कि पूरे हेल्थ सिस्टम पर सवाल खड़े करती है। जबलपुर में स्मार्ट सिटी हॉस्पिटल का संचालक अमित खरे मरीजों की जिंदगी को अपनी कमाई का साधन बनाकर गुंडागर्दी पर उतर आया है।मुनाफे के लिए मरीजों का अपहरण!
एंबुलेंस चालकों ने पुलिस को बताया कि आरोपी और उसके गुर्गे धमकी देते हैं –
👉 “सीधे मेरे अस्पताल लाओ,वरना जान से मार दूंगा।”
जो चालक विरोध करता है,उसे बीच सड़क पर पीटा जाता है,कई बार मरीजों को उठाकर जबरन अस्पताल ले जाया गया।
फर्जी डॉक्टर का काला खेल
•आरोपी खुद को डॉक्टर बताता है, लेकिन उसके पास कोई मेडिकल डिग्री नहीं।
•अस्पताल को स्वास्थ्य विभाग दो बार सील कर चुका है।
•इसके बावजूद उसने तीसरी बार अवैध रूप से अस्पताल खोल लिया।
•हैरानी की बात यह कि अस्पताल में एक भी योग्य डॉक्टर पदस्थ नहीं है।
मरीजों की सुरक्षा पर सबसे बड़ा सवाल
रसल चौक और भेड़ाघाट इलाके में एंबुलेंस चालकों पर हमले हुए।
सहपुरा टोल नाके पर आरोपी के गुर्गे बाकायदा डेरा जमाए रहते हैं।
👉 यानी मरीज इलाज के लिए निकले और बीच रास्ते पर गुंडों का शिकार हो गए।
प्रशासन की लापरवाही
स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अब तक केवल जांच का भरोसा दिला रहे हैं।
एसपी संपत उपाध्याय का बयान –
“मामला संवेदनशील है।जांच चल रही है, दोषी पाए जाने पर सख्त कार्रवाई होगी।”
लेकिन सवाल है 👉
🔴 मरीजों की जान लेने वाले इस माफिया को अब तक जेल क्यों नहीं भेजा गया?
🔴 कितने सबूत चाहिए कि यह फर्जी अस्पताल मौत का अड्डा है?
जनता का गुस्सा
सोशल मीडिया पर लोग भड़क उठे हैं।
➡️“यह अस्पताल नहीं, किडनैपिंग सेंटर है।”
➡️“जबलपुर प्रशासन सो रहा है और मरीज मर रहे हैं।”
➡️“अगर इस पर तुरंत कार्रवाई नहीं हुई तो कल कोई बड़ा हादसा तय है।”
अब जरूरी है आवाज उठाना
यह सिर्फ जबलपुर की नहीं,पूरे देश की समस्या है।
👉 अगर ऐसे फर्जी डॉक्टर और हॉस्पिटल माफिया खुलेआम चलते रहे, तो कल को कोई भी मरीज बीच सड़क पर असुरक्षित होगा।
👉 सवाल सीधा है – इंसान की जान बड़ी है या अस्पताल माफिया का मुनाफा?
