जिनके बिना चुनाव असंभव,उन्हें अब मिलेगा दोगुना सम्मान:बीएलओ का मानदेय हुआ ₹12,000 सालाना...
भोपाल,मध्यप्रदेशभारत के सबसे बड़े लोकतांत्रिक तंत्र की जड़ों को मजबूत रखने वाले बूथ लेवल ऑफिसर्स (BLOs) को अब उनकी मेहनत का बेहतर मूल्य मिलेगा।भारत निर्वाचन आयोग ने बीएलओ का वार्षिक मानदेय ₹6000 से बढ़ाकर ₹12,000 कर दिया है।
यह निर्णय ऐसे समय पर आया है जब बिहार विधानसभा चुनावों की तैयारियाँ तेज़ हो रही हैं और आयोग ने बीएलओ को दी जाने वाली संस्थागत मान्यता को भी नई ऊंचाई दी है।
अब हर महीने मिलेगा ₹1000,पहले मिलते थे ₹500
चुनाव आयोग ने सभी राज्यों के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारियों को निर्देशित किया है कि बीएलओ को अब ₹1000 प्रति माह की दर से मानदेय दिया जाए।
➡️मध्यप्रदेश में यह दर अब तक ₹500 प्रतिमाह थी, जो लंबे समय से अपर्याप्त मानी जा रही थी।
सिर्फ बीएलओ ही नहीं,सुपरवाइजर का भी हुआ भत्ता बढ़ा
•अब तक जिन सुपरवाइजरों को ₹12,000 वार्षिक मिलते थे,उन्हें भी अब ₹18,000 मिलेंगे।
•यह संशोधन चुनावी कार्यों में लगे स्थानीय स्तर के कर्मियों की भूमिका को और सशक्त बनाएगा।
स्पेशल ड्राइव पर अलग से मिलेगा ₹2000 का प्रोत्साहन
बीएलओ को जब-जब विशेष अभियान(जैसे नए मतदाता जोड़ना,नाम संशोधन आदि)में लगाया जाएगा,उन्हें उस काम के लिए अतिरिक्त ₹2000 प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे।
👉 यह राशि नियमित मानदेय से अलग होगी।
बीएलओ:जो लोकतंत्र को धरातल पर चलाते हैं
•ये वे लोग हैं जो हर गली-मोहल्ले में मतदाता सूची की निगरानी करते हैं।
•जो हर नए 18 वर्षीय युवा को मतदाता बनाने की जिम्मेदारी उठाते हैं।
•जिनके बिना चुनाव सिर्फ कागज़ पर होते हैं, ज़मीन पर नहीं।
मानदेय में यह बदलाव केवल आर्थिक नहीं,बल्कि लोकतंत्र के आधारभूत सिपाहियों के लिए संस्थागत स्वीकृति का प्रमाण है।